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Up kiran,Digital Desk : देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में अचानक खड़े हुए संकट ने हजारों यात्रियों को मुश्किल में डाल दिया है। सोमवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल बन गया, जब इंडिगो ने अपनी 134 उड़ानें रद्द कर दीं। इनमें दिल्ली से जाने वाली 75 उड़ानें और दिल्ली आने वाली 59 उड़ानें शामिल हैं। इस अचानक हुए फेरबदल से एयरपोर्ट पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई और लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

एयरपोर्ट ने जारी की एडवाइजरी: घर से निकलने से पहले फ्लाइट जांच लें

दिल्ली और मुंबई जैसे देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों पर इंडिगो की उड़ानें या तो रद्द हो रही हैं या घंटों की देरी से चल रही हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, दिल्ली हवाई अड्डे के प्रबंधन ने सोमवार सुबह 6:30 बजे ही यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी कर दी। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि इंडिगो की उड़ानों में देरी हो सकती है, इसलिए यात्री एयरपोर्ट के लिए निकलने से पहले अपनी एयरलाइन से संपर्क करके फ्लाइट का ताजा स्टेटस जरूर पता कर लें, ताकि उन्हें बेवजह की परेशानी न उठानी पड़े।

DGCA का इंडिगो को नोटिस, पूछा- क्यों न हो कार्रवाई?

विमानन नियामक महानिदेशालय (DGCA) ने इस बड़ी लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए इंडिगो एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। DGCA ने एयरलाइन के CEO पीटर एल्बर्स से पूछा है कि इस पूरे संकट के लिए उन पर कार्रवाई क्यों न की जाए।

नोटिस में DGCA ने साफ कहा है कि यह संकट एयरलाइन की प्लानिंग और रिसोर्स मैनेजमेंट में भारी कमी को दिखाता है। ऐसा लगता है कि एयरलाइन ने नए नियमों को लागू करने के लिए कोई तैयारी ही नहीं की थी। जवाब देने के लिए इंडिगो ने DGCA से और समय मांगा है।

आखिर क्यों रद्द हो रही हैं इतनी उड़ानें?

इस पूरे संकट की जड़ में हैं 'फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन' (FDTL) नाम के नए नियम। ये नियम पायलटों और केबिन क्रू की सुरक्षा और आराम को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। इनके तहत उनके काम करने के घंटों को सीमित किया गया है ताकि थकान की वजह से कोई हादसा न हो।

लेकिन ऐसा लगता है कि इंडिगो एयरलाइन इन नियमों के लिए तैयार नहीं थी। उनके पास अतिरिक्त पायलट और क्रू मेंबर नहीं थे, जिनकी जरूरत नए नियमों के तहत पड़ने वाली थी। इसी कमी के कारण उन्हें अपनी सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं, जिसका खामियाजा आम यात्री भुगत रहे हैं।