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Up Kiran, Digital Desk: इंदौर में एक नई नवेली शादी जो समाज की नजरों में प्रेम और भरोसे की बुनियाद पर टिकी थी चंद ही दिनों में विश्वासघात और हत्या की भयावह साजिश में बदल गई। राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को हुई थी पर महज सात दिन बाद ही सोनम ने अपने से पांच साल छोटे प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा को रास्ते से हटाने की ठान ली।

यह साजिश एक सुनियोजित नाटक की तरह रची गई थी। 19 मई को सोनम ने राजा को हनीमून पर मेघालय चलने का प्रस्ताव दिया और अगली ही सुबह दोनों वहां रवाना हो गए। पर हनीमून की वह यात्रा जो जीवन के नए अध्याय की शुरुआत होनी थी मौत की ओर ले जाती एक पूर्वनिर्धारित यात्रा थी।

23 मई को मेघालय के खासी हिल्स के सोहरा से दोनों के लापता होने की खबर आई। कुछ ही दिन बाद यह साफ हो गया कि सोनम ने किराए के गुंडों की मदद से राजा की बेरहमी से हत्या करवा दी थी। 2 जून को पुलिस को राजा का क्षत-विक्षत शव एक खाई में पड़ा मिला प्रेम और विश्वास की कब्र बनकर।

क्या था पूरी हत्या की साजिश

इंदौर के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया के मुताबिक सोनम और उसके प्रेमी राज ने शादी के महज एक हफ्ते बाद तय कर लिया था कि अगर उन्हें साथ रहना है तो राजा को जिंदा नहीं छोड़ा जा सकता।

राज कुशवाहा ने अपने जानकार विशाल चौहान उर्फ विक्की आनंद कुर्मी और आकाश ठाकुर को सुपारी दी और योजना बनाई कि राजा को एक दूरदराज़ स्थान पर मार दिया जाए और उसका शव ऐसी जगह फेंका जाए जहां उसका पता न चले। इस तरह वे दोनों राजा को हमेशा के लिए हटा कर खुशहाल जीवन शुरू करने का सपना देख रहे थे।

सोनम ने राजा को 19 मई को हनीमून के लिए मेघालय चलने को कहा और सब कुछ उसी के प्लान के मुताबिक होता गया मगर यहीं उससे एक बड़ी गलती हो गई।

पुलिस को मिला पहला सुराग

मेघालय पुलिस को पहला संदिग्ध सुराग मिला एक चाकू के रूप में जो राजा की हत्या में इस्तेमाल किया गया था। जांच अधिकारी के अनुसार यह चाकू स्थानीय नहीं था यह किसी बाहरी इलाके से लाया गया प्रतीत होता था। इस सुराग ने पुलिस को शक के उस घेरे तक पहुँचाया जहाँ से सच्चाई की डोर खुलनी शुरू हुई।

इसके बाद जब कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाले गए तो पता चला कि हत्या से कुछ ही दिन पहले सोनम ने हत्यारों में से एक से बात की थी और राजा के गायब होने से ठीक पहले उसका अंतिम लोकेशन भी वहीं पाया गया।

कैसे हुआ पर्दाफाश

इस खुलासे के बाद सोनम ने खुद सोमवार तड़के लगभग 3-4 बजे अपने परिवार को फोन कर अपनी लोकेशन बताई और गाजीपुर में एक ढाबे से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान मेघालय पुलिस की एक टीम इंदौर पहुंच चुकी थी और उसी रात राज कुशवाहा और विशाल चौहान को पकड़ लिया गया। तीसरा आरोपी आकाश ठाकुर उत्तर प्रदेश के ललितपुर से गिरफ्तार हुआ जबकि आनंद कुर्मी को मध्य प्रदेश के बीना (सागर जिला) से दबोचा गया।