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Operation Sindoor: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। उन्होंने स्वीकार किया है कि इस सैन्य अभियान के शुरुआती दौर में भारतीय वायुसेना को विमानों का नुकसान हुआ था। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महत्वपूर्ण बात नुकसान की संख्या नहीं, बल्कि यह है कि नुकसान क्यों हुआ, क्या गलतियां हुईं, और उन गलतियों को सुधारने के लिए क्या कदम उठाए गए।

जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने अपनी सामरिक गलतियों को तेजी से पहचाना, उनमें सुधार किया और दो दिनों के भीतर फिर से पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने पाकिस्तान के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि उसने छह भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, इसे "बिल्कुल गलत" बताया।[

सिंगापुर में शांग्री-ला डायलॉग सुरक्षा सम्मेलन के दौरान बोलते हुए, जनरल चौहान ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान की धरती से होने वाले आतंकी हमलों को रोकना था। उन्होंने बताया कि भारत ने अपनी 'रेड लाइन' स्पष्ट कर दी है कि अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे किसी भी कृत्य का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि इस संघर्ष के दौरान दोनों पक्षों ने संयम और तर्कसंगतता दिखाई, जिससे स्थिति परमाणु युद्ध की ओर नहीं बढ़ी। ऑपरेशन सिंदूर को जनरल चौहान ने 'नॉन-कॉन्टैक्ट और मल्टी-डोमेन' संघर्ष का उदाहरण बताया, जो भविष्य के युद्धों की झलक देता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अभियान के दौरान लगभग 15% समय गलत सूचनाओं का मुकाबला करने में खर्च हुआ।

CDS जनरल अनिल चौहान के इन बयानों को सैन्य अभियान की जानकारी साझा करने में अधिक पारदर्शिता की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पेशेवर सैन्य बल असफलताओं या नुकसान से प्रभावित नहीं होते हैं, और ऑपरेशन का परिणाम महत्वपूर्ण है।ऑपरेशन सिंदूर ने प्रदर्शित किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है।

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