spurious liquor: बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में जहरीली शराब पीने से कथित तौर पर सात लोगों की जान चली गई है। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, ये घटना रविवार को सामने आई। कथित तौर पर मौतें बीते दिनों में हुई हैं।
जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) शौर्य सुमन ने पुष्टि की कि सभी मौतें लौरिया थाना क्षेत्र में हुईं। स्थानीय लोगों ने मौतों का कारण अवैध शराब पीना बताया, जबकि एसपी ने स्पष्ट किया कि पिछली दो मौतें शराब से संबंधित नहीं थीं।
एसपी ने बताया, "हाल ही में हुई मौतों में एक व्यक्ति की मौत ट्रैक्टर दुर्घटना में हुई, जबकि दूसरे को लकवा का दौरा पड़ा।"
15 जनवरी को पहली मौत की सूचना मिली
पहली मौत 15 जनवरी को हुई थी। अफसरों को रविवार को ही स्थिति के बारे में पता चला। जब तक पुलिस को सूचित किया गया, तब तक सभी सात शवों का अंतिम संस्कार हो चुका था, जिससे मौत के सही कारण का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो गया।
सुमन ने कहा, "बाकी पांच मौतों का कारण स्पष्ट नहीं है। हमने परिस्थितियों का पता लगाने के लिए एक जांच दल का गठन किया है।"
पश्चिम चंपारण के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सुमित कुमार ने मृतकों के शवों की गैर मौजूदगी के कारण मामले की जांच में कठिनाई की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि जांच दल को 24 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने और पिछले कुछ दिनों में लौरिया में मरने वाले सभी व्यक्तियों की पहचान करने का निर्देश दिया गया है।
पीड़ित के परिवार के सदस्य की गवाही
पीड़ितों में से एक प्रदीप के भाई ने आरोप लगाया कि उसके भाई और उसके दोस्त मनीष ने एक साथ शराब पी, जिसके कारण उनकी मौत हो गई।
2016 में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने शराब की बिक्री और सेवन पर राज्यव्यापी प्रतिबंध लागू किया था। तब से राज्य भर में जहरीली, अवैध शराब के सेवन से जुड़ी घटनाओं में तेज़ी से वृद्धि हुई है, जिसके कारण कई मौतें हुई हैं।
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