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Up Kiran, Digital Desk: आजकल हर कोई चाहता है कि उसकी मेहनत की कमाई कुछ ही समय में दोगुनी या तीन गुनी हो जाए. इसी लालच का फायदा उठाकर साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. ऐसा ही एक मामला नोएडा से सामने आया है, जहाँ एक 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर अपनी जिंदगी भर की जमा-पूँजी का एक बड़ा हिस्सा गँवा बैठे.

कैसे हुई इस बड़ी ठगी की शुरुआत?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगस्त महीने में रिटायर्ड इंजीनियर के पास वॉट्सऐप (WhatsApp) पर एक मैसेज आया. मैसेज करने वाले ने खुद को शेयर बाज़ार का एक्सपर्ट बताया और उन्हें बड़े मुनाफे का सपना दिखाया. इसके बाद, उन्हें एक वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ लिया गया.

कैसे बिछाया गया भरोसे का जाल?

इस ग्रुप में पहले से ही कई लोग थे, जो हर दिन अपने मुनाफे के स्क्रीनशॉट भेजा करते थे. यह सब देखकर इंजीनियर साहब को लगा कि यह कोई भरोसेमंद ग्रुप है, जहाँ वाकई लोग पैसा कमा रहे हैं. उन्हें नहीं पता था कि ये सब ठगों की एक सोची-समझी चाल थी.

उन्हें एक फर्जी ट्रेडिंग पोर्टल के बारे में बताया गया. शुरुआत में उन्होंने छोटी-मोटी रकम लगाकर निवेश करना शुरू किया और उस पोर्टल पर उन्हें अच्छा खासा मुनाफा भी दिखने लगा.

और फिर लुट गए : जब उन्हें फर्जी पोर्टल पर अपना पैसा बढ़ता हुआ दिखा, तो उनका भरोसा और भी पक्का हो गया. इसके बाद उन्होंने धीरे-धीरे करके 20 अगस्त से 18 अक्टूबर के बीच अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में 80 लाख रुपये से ज़्यादा जमा कर दिए.

पुलिस ने बताया कि ये बैंक अकाउंट देश के अलग-अलग राज्यों में किराए पर लिए गए थे, ताकि ठगों तक पहुँचना मुश्किल हो जाए.

कैसे हुआ इस धोखे का खुलासा: जब इंजीनियर ने अपने मुनाफे के पैसे निकालने की कोशिश की, तो ठगों ने उनसे टैक्स और ट्रांजैक्शन फीस के नाम पर और पैसे माँगने शुरू कर दिए. जब उन्होंने पैसे देने से मना किया, तो उन्हें उस वॉट्सऐप ग्रुप से बाहर निकाल दिया गया और सभी कॉन्टैक्ट नंबर भी बंद कर दिए गए. तब जाकर उन्हें समझ आया कि वह एक बड़े स्कैम का शिकार हो चुके हैं.

इसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस अब इस मामले की जाँच के लिए दो लोगों की एक खास टीम बनाकर ठगों का पता लगाने में जुट गई है और उन बैंक अकाउंट्स को फ्रीज करने की कोशिश कर रही है, जिनमें पैसा भेजा गया था.

पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने पर और बिना किसी जाँच-पड़ताल के ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट स्कीम्स में पैसा न लगाएँ.