
Up Kiran, Digital Desk: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव और हालिया सैन्य कार्रवाइयों के कारण मध्य पूर्व में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस संघर्ष ने हजारों लोगों को प्रभावित किया है, जिनमें सैकड़ों भारतीय भी शामिल हैं। ये भारतीय मुख्य रूप से धार्मिक यात्रा पर गए तीर्थयात्री और वहां काम करने वाले श्रमिक हैं, जो अब अपने वतन लौटने के लिए बेताब हैं।
ईरान में फंसे भारतीय
ईरान में फंसे भारतीयों में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के कई लोग शामिल हैं। ये लोग अक्सर पवित्र स्थानों जैसे क़ोम (Qom) और मशहद (Mashhad) की यात्रा पर जाते हैं। संघर्ष के कारण हवाई सेवाओं में व्यवधान और यात्रा प्रतिबंधों के चलते उनकी वापसी अनिश्चित हो गई है। फंसे हुए लोगों के परिजनों ने भारतीय दूतावासों और सरकार से मदद की गुहार लगाई है, ताकि उनके प्रियजनों को जल्द से जल्द सुरक्षित भारत वापस लाया जा सके। उन्हें लगातार टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आपबीती साझा करते हुए देखा जा रहा है।
इजरायल में फंसे भारतीय
ठीक इसी तरह, इजरायल में भी बड़ी संख्या में भारतीय फंसे हुए हैं। ये मुख्य रूप से यरूशलेम (Jerusalem) और बेथलेहम (Bethlehem) जैसे ईसाई पवित्र स्थलों की यात्रा पर गए तीर्थयात्री या वहां काम करने वाले लोग हैं। उनके परिवारों को उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, खासकर जिस तरह से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। कई परिवार, जो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया और अपील
भारत सरकार ने इस स्थिति पर संज्ञान लिया है। विदेश मंत्रालय ने अपने नागरिकों के लिए यात्रा सलाह (travel advisories) जारी की हैं और उन्हें ईरान व इजरायल की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जो भारतीय नागरिक इन देशों में मौजूद हैं, वे वहां स्थित भारतीय दूतावासों से संपर्क में रहें और अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें।
दोनों देशों में भारतीय दूतावास लगातार फंसे हुए भारतीयों के संपर्क में हैं और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि फंसे हुए लोग या उनके परिजन जानकारी प्राप्त कर सकें और सहायता मांग सकें।
यह संकट एक बार फिर मध्य पूर्व में भू-राजनीतिक अस्थिरता के मानवीय प्रभाव को दर्शाता है। सभी की उम्मीद है कि जल्द ही इन भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाएगी और वे अपने परिवारों के पास लौट सकेंगे।
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