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Up Kiran, Digital Desk: ईरान-इजराइल युद्ध का आज सातवां दिन है। दोनों देश एक दूसरे पर जानलेवा हमले कर रहे हैं। हाल ही में ईरानी सेना ने इजराइल पर मिसाइलों की बरसात की थी। जिसमें बीरशेबा के एक अस्पताल को निशाना बनाया गया था। ईरानी हमले में सोरोका अस्पताल को भारी नुकसान पहुंचा है। इजराइली आपातकालीन सेवाओं के अनुसार इस हमले में कम से कम 65 लोग घायल हुए हैं।
दूसरी ओर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजना को मंजूरी दे दी है, लेकिन हमला कब और कैसे होगा, इसे लेकर अभी आदेश को मंजूरी नहीं मिली है। अमेरिकी रक्षा विभाग ईरान की हरकतों पर कड़ी नजर रख रहा है। ऐसे में अमेरिका ने ईरान के खिलाफ रणनीति बनानी शुरू कर दी है। अमेरिका ईरान के पड़ोसी मुस्लिम देशों के साथ मिलकर ईरान के खिलाफ चक्रव्यूह की योजना बना रहा है। अमेरिका जानता है कि अगर अमेरिकी सेना इजराइल और ईरान के बीच युद्ध में उतरती है, तो ईरान भी अमेरिका पर जवाबी कार्रवाई कर सकता है। ईरान आस-पास के देशों में अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर सकता है। इससे बचने के लिए अमेरिका ने मुस्लिम देशों में पूरी तैयारी कर ली है।
40,000 सैनिक अलर्ट पर
बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और जॉर्डन तथा अन्य मध्य पूर्वी देशों में 40,000 सैनिकों को अलर्ट पर रखा है। अमेरिकी अधिकारी उन स्थानों की तलाश कर रहे हैं, जहां ईरान हमला कर सकता है। मध्य पूर्व और उसके आसपास अमेरिका के करीब 20 सैन्य अड्डे हैं। इनमें से अधिकांश सैन्य अड्डे ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज में हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने संदेह जताया है कि ईरान के खिलाफ युद्ध में सबसे पहले सीरिया, इराक और अरब देशों में उनके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जा सकता है। इसलिए अमेरिका ने इन सैन्य ठिकानों पर अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया है। अमेरिका ने यूरोप में 18 ईंधन भरने वाले विमान भेजे हैं। जो लड़ाकू विमानों को सपोर्ट करने के लिए तैयार रहेंगे। इसके साथ ही अमेरिका ने मध्य पूर्व के समुद्री क्षेत्र में 2 मालवाहक युद्धपोत भेजे हैं।
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