Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए उस दावे पर अब अंतरराष्ट्रीय सियासत गर्मा गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान और इज़राइल 24 घंटे के भीतर चरणबद्ध युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। हालांकि, तेहरान से आए तीखे बयानों ने इन दावों की पुष्टि करने से इनकार कर दिया है।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद अब्बास अराघची ने स्पष्ट कहा कि न तो ईरान को ऐसा कोई प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और न ही युद्धविराम की कोई प्रक्रिया शुरू हुई है। उन्होंने इज़राइल पर प्रत्यक्ष आरोप लगाते हुए कहा, "इस संघर्ष की शुरुआत ईरान ने नहीं की। यह आक्रमण इज़राइली शासन द्वारा शुरू किया गया था।"
खामेनेई का कड़ा संदेश: "ईरान आत्मसमर्पण नहीं करता"
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस पूरे विवाद में स्पष्ट रुख अपनाते हुए युद्धविराम की अवधारणा को ही खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "ईरानी राष्ट्र ऐसा नहीं है जो दबाव में झुक जाए या आत्मसमर्पण कर दे। जो भी हमारे इतिहास और संस्कृति से परिचित है, वह जानता है कि ईरान ने कभी भी उत्पीड़न को स्वीकार नहीं किया।"
उन्होंने आगे कहा, “हमने किसी पर हमला नहीं किया, मगर हम किसी के उत्पीड़न को भी स्वीकार नहीं करेंगे। यह ईरान की बुनियादी नीति है — न झुकना, न डरना।”
विवादास्पद युद्धविराम: 'शब्दों का खेल'
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक्स ( में ट्विटर) पर की गई घोषणा के अनुसार, दोनों देशों ने आपसी सहमति से शत्रुता रोकने का निर्णय लिया है। मगर ईरानी पक्ष से मिल रहे संकेत इससे अलग तस्वीर पेश करते हैं।
अराघची ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा, "अभी तक किसी तरह का औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। अगर इज़राइल अपने हमले रोकता है, तो ईरान भी अपनी कार्रवाई को रोक सकता है, मगर यह किसी युद्धविराम समझौते के अंतर्गत नहीं आता।"
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