img

Up Kiran, Digital Desk: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ हुई अपनी शिखर वार्ता के बाद एक ऐसा दावा किया है, जिसने अंतर्राष्ट्रीय जगत में हलचल मचा दी है। पुतिन ने कहा कि यदि 2022 में अमेरिकी राष्ट्रपति के पद पर डोनाल्ड ट्रम्प होते, तो यूक्रेन में युद्ध कभी नहीं होता। उन्होंने इस बात की पुष्टि की और इसे एक "सार्थक" बातचीत बताया, जिसके दौरान दोनों नेताओं के बीच "समझौता" हुआ।

ट्रम्प के दावों की पुतिन ने की पुष्टि

यह बयान ट्रम्प के उस लंबे समय से चले आ रहे दावे के जवाब में आया है, जिसमें वे कहते रहे हैं कि उनके राष्ट्रपति रहते रूस यूक्रेन पर आक्रमण करने की हिम्मत नहीं करता। अलोस्का में हुई अपनी पहली प्रत्यक्ष मुलाकात के पांच साल बाद, पुतिन ने शुक्रवार को कहा, “मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूँ।” जब उनसे ट्रम्प के इस दावे के बारे में पूछा गया कि केवल उनकी उपस्थिति ही रूस को आक्रमण करने से रोकती। पुतिन ने कहा कि ट्रम्प के राष्ट्रपति रहने पर "युद्ध कभी नहीं होता"।

पुतिन ने यह भी कहा कि वे और ट्रम्प दोनों एक-दूसरे के साथ "बहुत अच्छे, व्यावसायिक और भरोसेमंद संपर्क" बनाने में सफल रहे। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दिशा में आगे बढ़कर वे यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं, और यह काम जितनी जल्दी हो, उतना ही बेहतर होगा।

"समझौता" हुआ या केवल बातचीत?

वार्ता के बाद, पुतिन ने कहा कि रूस "ईमानदारी से" युद्ध समाप्त करने में रुचि रखता है, लेकिन इसके लिए "सभी मूल कारणों को समाप्त किया जाना चाहिए और रूस की सभी चिंताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए।" उन्होंने इस बात पर भी सहमति जताई कि "यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।"

हालाँकि, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलोस्का शिखर वार्ता यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने या रोकने के किसी समझौते के बिना समाप्त हो गई। यह संघर्ष यूरोप में 1945 के बाद का सबसे घातक युद्ध है, जो अब चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है।

पुतिन की बाइडन प्रशासन पर टिप्पणी

पुतिन ने सीधे तौर पर पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन का नाम लिए बिना, पूर्व प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के समय स्थिति को "वापस न आने वाले बिंदु" तक बढ़ाने से रोकने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, "मैंने अपने पिछले अमेरिकी सहयोगी को सीधे तौर पर कहा था कि यह एक बड़ी गलती थी।"

आगे की राह: मॉस्को में अगली बैठक का प्रस्ताव

ट्रम्प ने अपनी ओर से कहा कि वे "शायद इसके लिए थोड़ी गर्मी का सामना करेंगे," लेकिन वे संभवतः एक और बैठक की उम्मीद करते हैं, "अगली बार मॉस्को में।" यह दिखाता है कि दोनों नेताओं के बीच संवाद जारी रखने की इच्छा है, भले ही तत्काल कोई ठोस समझौता न हो सका हो।

पुतिन ने यूक्रेन को "भाईचारा राष्ट्र" और युद्ध को "त्रासदी" बताते हुए कहा कि रूस संघर्ष को समाप्त करने में बहुत रुचि रखता है। उन्होंने यूरोपीय देशों से आग्रह किया कि वे शांति प्रयासों को बाधित न करें और इस बात पर जोर दिया कि किसी भी समाधान के लिए "स्थिर और टिकाऊ" होना आवश्यक है, और यह शक्ति संतुलन पर आधारित होना चाहिए।

यह शिखर वार्ता अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसने भविष्य में रूस-अमेरिका संबंधों और यूक्रेन संघर्ष के संभावित समाधानों पर नई बहस छेड़ दी है।

--Advertisement--