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Up Kiran, Digital Desk: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे ताकतवर और सबसे ज्यादा खतरे में रहने वाले नेताओं में गिने जाते हैं। उनकी जान की सुरक्षा कोई साधारण पुलिस या सामान्य अंगरक्षक नहीं करते। इसके लिए रूस की सबसे खास और एलीट टीम रखता है जिसका नाम है प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस। ये लोग आम बॉडीगार्ड नहीं बल्कि सुपर ट्रेंड कमांडो होते हैं।

सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि पुतिन जहां भी जाते हैं उनके साथ चलने वाले सूट-बूट वाले शख्स हमेशा एक खास ब्रीफकेस पकड़े रहते हैं। न्यूयॉर्क पोस्ट ने रूसी सरकारी वेबसाइट बियॉन्ड रशिया के हवाले से खुलासा किया कि वो ब्रीफकेस कोई आम अटैची नहीं होता। जरूरत पड़ने पर वो सेकंडों में बुलेटप्रूफ ढाल बन जाता है जो कवच भेदी गोलियां तक रोक सकती है।

इन बॉडीगार्ड्स के पास रूस की खास 9 एमएम एसआर-1 वेक्टर पिस्तौल भी रहती है जो आर्मर पियर्सिंग बुलेट चलाती है। मतलब अगर कोई हमला करे तो पलिका जवाबी कार्रवाई भी खतरनाक होती है।

पुतिन के बॉडीगार्ड कैसे चुने जाते हैं ये प्रक्रिया खुद हैरान कर देने वाली है। सिर्फ तंदुरुस्ती या मार्शल आर्ट जानना काफी नहीं। इनकी मानसिक स्थिति की गहराई से जांच होती है। ठंड में कंपकंपी नहीं आनी चाहिए और गर्मी में भी पसीना नहीं निकलना चाहिए। मुश्किल हालात में एक सेकंड में सही फैसला लेने की काबिलियत होनी चाहिए।

पुतिन कहीं जाने से कई महीने पहले उनकी सिक्योरिटी टीम उस जगह का दौरा कर लेती है। होटल का कमरा, मीटिंग हॉल, रास्ते सब कुछ चेक होता है। बम डिटेक्टर और सिग्निफर डॉग पहले से तैनात रहते हैं। आसपास जैमिंग डिवाइस लगा दिए जाते हैं ताकि कोई ड्रोन या रिमोट बम काम न कर सके।

सबसे मजेदार बात ये कि इन एलीट गार्ड्स को 35 साल की उम्र पूरी होते ही रिटायर कर दिया जाता है। लेकिन रिटायरमेंट के बाद इनाम मिलता है चौंकाने वाला। इनमें से ज्यादातर को क्षेत्रीय गवर्नर, मंत्री, खुफिया एजेंसी के बड़े अधिकारी या राष्ट्रपति प्रशासन में ऊंचे पद दे दिए जाते हैं। यानी जिंदगी भर सुख-चैन की गारंटी।