
Up Kiran, Digital Desk: भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ़्तार सितंबर में थोड़ी धीमी पड़ती दिख रही है. HSBC के परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि सितंबर में यह गिरकर 57.5 पर आ गया है, जो कि चार महीनों का सबसे निचला स्तर है. हालांकि, यह आंकड़ा अभी भी 50 से ऊपर है, जो सेक्टर में बढ़ोतरी को दिखाता है, लेकिन पिछले महीनों के मुकाबले यह गिरावट चिंता का विषय है.
यह लगातार 27वां महीना है जब PMI 50 से ऊपर बना हुआ है, जिसका मतलब है कि सेक्टर में उत्पादन और नई खरीददारी जारी है. लेकिन, अगर हम गहराई से देखें, तो पता चलता है कि नए ऑर्डर और प्रोडक्शन की रफ़्तार पिछले चार महीनों में सबसे सुस्त रही है.
नए ऑर्डरों में कमी आई है, जिसका असर कंपनियों के उत्पादन पर भी पड़ा है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से भारत को अभी भी अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं, लेकिन घरेलू बाज़ार में मांग में थोड़ी कमी देखने को मिल रही है.
इस गिरावट के बावजूद, एक अच्छी ख़बर यह है कि कंपनियों ने सितंबर में भर्तियाँ जारी रखी हैं और कच्चे माल की खरीद भी की है. इससे पता चलता है कि भविष्य में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद बनी हुई है. हालांकि, महंगाई का दबाव अभी भी बना हुआ है, लेकिन राहत की बात यह है कि इसकी रफ़्तार में थोड़ी कमी आई है.
यह आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि आने वाले समय में हमें बाज़ार पर कड़ी नज़र रखनी होगी, क्योंकि घरेलू मांग में कमी और महंगाई मिलकर अर्थव्यवस्था की रफ़्तार पर असर डाल सकते हैं.