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Up Kiran, Digital Desk: डायबिटीज या मधुमेह आजकल एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिसने बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित किया है। ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना इस स्थिति के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जबकि कई मामलों में दवाओं की आवश्यकता होती है, यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या बिना दवाओं के भी ब्लड शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है? इस बारे में चिकित्सा विशेषज्ञों की राय जानना महत्वपूर्ण है।

डॉक्टरों का कहना है कि कुछ मामलों में, विशेष रूप से प्री-डायबिटीज (मधुमेह की पूर्व स्थिति) या टाइप 2 मधुमेह के शुरुआती चरणों में, जीवनशैली में महत्वपूर्ण बदलाव करके ब्लड शुगर के स्तर को दवाओं के बिना प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। हालांकि, यह हर व्यक्ति या मधुमेह के सभी प्रकारों के लिए संभव नहीं हो सकता है, खासकर टाइप 1 मधुमेह के लिए जहाँ इंसुलिन अनिवार्य है, या टाइप 2 के अधिक उन्नत चरणों में।

ब्लड शुगर को बिना दवाओं के नियंत्रित करने के लिए चिकित्सक आमतौर पर निम्नलिखित जीवनशैली संशोधनों पर जोर देते हैं:

यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये जीवनशैली परिवर्तन किसी डॉक्टर की सलाह और देखरेख के बिना नहीं किए जाने चाहिए। एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता आपकी स्थिति, समग्र स्वास्थ्य और विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर एक व्यक्तिगत योजना बनाने में मदद कर सकता है। वे ब्लड शुगर के स्तर की नियमित निगरानी करने की आवश्यकता पर भी जोर देंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये तरीके प्रभावी हो रहे हैं और कब चिकित्सा हस्तक्षेप (दवाओं) की आवश्यकता हो सकती है।

 जबकि दवाओं के बिना ब्लड शुगर नियंत्रण कुछ व्यक्तियों के लिए जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से संभव है, यह हमेशा चिकित्सकीय मार्गदर्शन और निगरानी के तहत किया जाना चाहिए। यह जीवनशैली बदलाव मधुमेह के प्रबंधन और संबंधित जटिलताओं के जोखिम को कम करने की दिशा में पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

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