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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आ सकता है। बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की पत्नी जेसी जॉर्ज मोदी ने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की इच्छा जताई है। क्या यह राजनीतिक क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी। आइए जानते हैं कि जेसी जॉर्ज मोदी के चुनावी फैसले की चर्चा क्यों हो रही है और भाजपा इस दिशा में क्या कदम उठाने वाली है।

राजनीति में कदम रखने की इच्छा जताई

हाल ही में सुशील मोदी की पहली पुण्यतिथि के मौके पर पटना के रविंद्र भवन में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर जेसी जॉर्ज मोदी ने भावुक होकर अपने पति सुशील मोदी को याद किया। और इसके साथ ही उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा "अगर पार्टी चाहे तो मैं बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकती हूं। यह फैसला पार्टी को करना है और मैं जो भी निर्णय होगा उसे स्वीकार करूंगी।"

यह बयान बिहार की राजनीति में एक नई हलचल का कारण बन गया है क्योंकि सुशील मोदी की राजनीतिक विरासत को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्या जेसी जॉर्ज मोदी इस विरासत को आगे बढ़ाने वाली हैं।

प्रोफेसर से रिटायर हो चुकीं जेसी जॉर्ज मोदी

जेसी जॉर्ज मोदी पहले एक प्रोफेसर रह चुकी हैं और हाल ही में वे रिटायर हो चुकी हैं। शिक्षा के क्षेत्र में लंबे समय तक सेवा देने के बाद अब वे राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। इससे पहले कभी उन्होंने सीधे तौर पर राजनीति में आने की बात नहीं की थी लेकिन इस बार उन्होंने अपने इरादे खुले तौर पर सार्वजनिक किए हैं।

यह कदम भाजपा के भीतर एक अहम सवाल खड़ा कर रहा है: क्या पार्टी सुशील मोदी के परिवार से किसी एक सदस्य को टिकट देकर उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगी।

बिहार विधानसभा चुनाव और भाजपा की रणनीति

बिहार में विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होने की संभावना है और भाजपा इस चुनाव में एक नए चेहरे को उतारने की योजना बना रही है। बिहार भाजपा के लिए यह चुनाव सुशील मोदी की विरासत को आगे बढ़ाने का मौका बन सकता है। पार्टी इस बारे में गंभीरता से विचार कर रही है कि कौन उनका उत्तराधिकारी बनेगा।

इस संदर्भ में जेसी जॉर्ज मोदी का नाम सबसे आगे आ रहा है। उनका चुनावी मैदान में उतरना भाजपा के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है खासकर जब बिहार की राजनीति में सुशील मोदी जैसा प्रभावशाली चेहरा अब नहीं रहा। पार्टी के बड़े नेताओं की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि जेसी जॉर्ज मोदी का नाम पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से घोषित किया जाता है या नहीं।

 

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