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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल से गुजर रही है। सोशल मीडिया पर यह खबर आग की तरह फैल गई कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। इसके साथ ही कुछ वीडियो भी वायरल होने लगे जिनमें दावा किया गया कि खान घायल हो गए हैं। इस सनसनीखेज खबर ने पूरे पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया भर में हलचल मचा दी। मगर क्या वाकई ऐसा हुआ है। आईये जानते हैं पूरी कहानी।

सोशल मीडिया पर उड़ी अफवाहें

शुरुआत हुई एक कथित वीडियो क्लिप से जिसमें इमरान खान के घायल होने की बात कही गई। इसके बाद तो मानो सोशल मीडिया पर अफवाहों का बवंडर चल पड़ा। ट्विटर फेसबुक इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर #ImranKhanKilled ट्रेंड करने लगा। कई लोगों ने तो यहां तक दावा कर दिया कि खान की न्यायिक हिरासत में मौत हो चुकी है।

फर्जी प्रेस रिलीज़ ने बढ़ाई सनसनी

इस अफवाह को और हवा मिली जब पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के नाम से एक फर्जी प्रेस रिलीज वायरल होने लगी। इसमें लिखा था कि इमरान खान की कस्टडी में मौत हो गई है और सरकार इस मौत की जांच कर रही है। बयान में मानवाधिकारों की बात करते हुए संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जांच कराने की भी बात कही गई। ये "रिलीज़" इतनी प्रोफेशनल तरीके से बनाई गई थी कि आम लोग इसे असली मान बैठे। मगर हकीकत कुछ और ही थी।

पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक बयान

जैसे ही मामला गंभीर हुआ पाकिस्तान सरकार की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया जिसमें इन सभी खबरों को फर्जी और भ्रामक बताया गया। सरकार ने स्पष्ट कहा कि इमरान खान पूरी तरह सुरक्षित हैं और अदियाला जेल में हैं।

सरकार ने लोगों से अपील की कि सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर विश्वास न करें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें।

पीटीआई का अदालत में रुख

दूसरी ओर इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट में खान की रिहाई के लिए याचिका दायर की है। पार्टी का कहना है कि जेल में उनके जीवन को खतरा है और उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जा रहा है।

खास बात यह है कि याचिका में भारत-पाक तनाव और ड्रोन हमले की आशंका का भी हवाला दिया गया है। इस आधार पर मांग की गई है कि इमरान खान को पैरोल या परीवीक्षा पर रिहा किया जाए।

अदालत की प्रतिक्रिया

अभी तक अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई की कोई तारीख तय नहीं की है। वहीं मीडिया से बात करते हुए पार्टी नेता गंदापुर ने कहा कि इमरान खान न केवल पाकिस्तान के नेता हैं बल्कि पूरे मुस्लिम समुदाय की उम्मीद हैं। उन्होंने कोर्ट से न्याय की मांग की।

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