
Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के सरकारी स्कूलों की टूटी-फूटी और खराब हो चुकी इमारतों को अब एक नई जिंदगी मिलने वाली है। दिल्ली सरकार ने ऐसे सभी स्कूलों की पहचान करने के लिए एक ख़ास 'ऑडिट' शुरू किया है, जिनकी हालत जर्जर हो चुकी है, ताकि उनकी सूरत बदली जा सके।
शिक्षा विभाग के एक सूत्र के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में नरेला के एक स्कूल से यह ऑडिट शुरू किया गया था। इस स्कूल की हालत बेहद खराब थी - छतें टूट रही थीं, दीवारों से पानी टपक रहा था, डेस्क टूटे हुए थे और टॉयलेट भी बहुत गंदे थे।
सूत्र ने बताया, "हमने सभी जिलों के अधिकारियों को ऐसे स्कूलों का डेटा निकालने के लिए कहा है, जिनकी हालत खराब हो रही है और जहां बच्चों के लिए बुनियादी सुविधाएं भी नहीं हैं।"
यह कदम तब उठाया गया है जब विधानसभा में भी इस मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ था। 24 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया था कि राजधानी के खराब हालत वाले स्कूलों पर एक एक्शन रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
गांधी नगर से पांच बार के विधायक, अरविंदर सिंह लवली ने ब्रह्मपुरी मेन रोड पर स्थित एक स्कूल की खस्ता हालत का मुद्दा उठाया था और कहा था कि यमुना पार के कई स्कूलों का यही हाल है। इसी तरह, बीजेपी के विधायक कुलवंत राणा ने भी साहेब हदेरी में एक जर्जर हो चुके स्कूल की ओर ध्यान दिलाया था।
सरकार का यह ऑडिट अब उम्मीद की एक किरण लेकर आया है कि जल्द ही इन स्कूलों की मरम्मत की जाएगी और बच्चों को पढ़ाई के लिए एक बेहतर और सुरक्षित माहौल मिलेगा।