Up Kiran, Digital Desk: जब भी हम मानसिक तनाव, डिप्रेशन या चिंता की बात करते हैं, तो हमारा ध्यान दिमाग की तरफ जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पेट का आपकी दिमागी सेहत से एक बहुत गहरा और सीधा कनेक्शन है? जी हाँ, हाल ही में हुई एक नई स्टडी ने इस बात को और पुख्ता कर दिया है कि एक स्वस्थ पेट आपको मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है.
इस कनेक्शन को विज्ञान की भाषा में 'गट-ब्रेन एक्सिस' (Gut-Brain Axis) कहा जाता है. इसका मतलब है कि हमारी आंतों और हमारे दिमाग के बीच लगातार बातचीत होती रहती है. हमारी आंतों में करोड़ों अच्छे और बुरे बैक्टीरिया होते हैं, जिन्हें 'गट माइक्रोबायोम' (Gut Microbiome) कहते हैं. जब अच्छे बैक्टीरिया की संख्या ज़्यादा होती है, तो हमारा पेट स्वस्थ रहता है, और इसका सीधा असर हमारे मूड और दिमाग पर पड़ता है.
स्टडी में क्या पता चला: इस रिसर्च में यह पाया गया कि जिन लोगों ने अपनी डाइट में प्रोबायोटिक्स (Probiotics) और प्रीबायोटिक्स (Prebiotics) को शामिल किया, उनमें डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षणों में कमी देखी गई.
प्रोबायोटिक्स: ये हमारे पेट के लिए अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो दही, छाछ और अचार जैसी चीज़ों में पाए जाते हैं.
प्रीबायोटिक्स: ये एक तरह का फाइबर होते हैं, जो इन अच्छे बैक्टीरिया का खाना बनते हैं. यह हमें केला, लहसुन, प्याज और सेब जैसी चीज़ों से मिलते हैं.
जब हम ये चीज़ें खाते हैं, तो हमारे पेट में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है, जिससे हमारी आंतें स्वस्थ रहती हैं. इसका सीधा असर हमारे दिमाग पर पड़ता है और मूड को अच्छा रखने वाले हॉर्मोन (जैसे सेरोटोनिन) सही मात्रा में बनते हैं.
तो अगली बार जब भी आप लो (Low) या तनाव में महसूस करें, तो अपनी डाइट पर ज़रूर ध्यान दें. हो सकता है कि आपकी दिमागी परेशानी का हल आपके पेट में ही छिपा हो!
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