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Up Kiran, Digital Desk: सबरीमाला भक्तों के लिए आयोजित किए जा रहे ग्लोबल समिट को लेकर केरल की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने बुधवार को CPI(M) सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से "राजनीतिक फायदे के लिए" किया जा रहा है.

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता, वी.डी. सतीशन ने साफ किया कि UDF इस कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं करेगा, लेकिन उन्होंने भगवान अयप्पा के प्रति CPI(M) सरकार की अचानक जागी भक्ति पर सवाल उठाए.

उन्होंने कहा, "यह कार्यक्रम सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए है और CPI(M) के राजनीतिक दोगलेपन को दिखाता है. क्या पिनाराई विजयन सरकार सुप्रीम कोर्ट में दिए गए उस हलफनामे को वापस लेगी, जिसमें उन्होंने सबरीमाला मंदिर में युवा महिलाओं के प्रवेश का समर्थन किया था? हम कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं कर रहे हैं, लेकिन सरकार को पहले हमारे सवालों का जवाब देना चाहिए, फिर हमें न्योता भेजे."

सतीशन का इशारा उस हलफनामे की ओर था, जो CPI(M) सरकार और त्रावणकोर देवासम बोर्ड (TDB) ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में दिया था. इसमें सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला में प्रवेश देने की बात कही गई थी, जिसे पार्टी ने लैंगिक समानता को लेकर अपने प्रगतिशील एजेंडे के तौर पर पेश किया था.

आपको बता दें कि 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में प्रवेश की इजाजत दे दी थी. उस समय 4:1 के बहुमत से दिए गए फैसले में कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं के प्रवेश पर रोक लगाना लैंगिक भेदभाव है और हिंदू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करता है.

इस समिट को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. सरकार इसे एक धार्मिक आयोजन बता रही है, जबकि विपक्ष इसकी मंशा और समय पर सवाल खड़े कर रहा है.

सतीशन ने CPI(M) पर निशाना साधते हुए कहा, "यह भक्ति सिर्फ चुनाव से ठीक पहले जागती है. जब वे दस साल से सत्ता में थे, तब यह कभी नहीं दिखी. इनका तो काम ही पुलिस का इस्तेमाल कर परंपराओं को तोड़ना रहा है. इन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों पर केस दर्ज किए. पिछले दशक में, उन्होंने सबरीमाला के विकास के लिए कुछ नहीं किया."

सतीशन ने दावा किया कि UDF सरकार के समय, सबरीमाला के विकास के लिए 110 एकड़ वन भूमि मंजूर की गई थी.

उन्होंने कहा, “CPI(M) अब सबरीमाला के लिए मास्टर प्लान इसलिए लाई है, क्योंकि चुनाव नजदीक हैं. अयप्पा भक्त उनकी झूठी भक्ति को पहचान लेंगे.”