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दिल्ली की राजनीति में आजकल हवा और पानी को लेकर जबरदस्त खींचतान चल रही है। एक तरफ अधिकारी बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी (AAP) इन दावों को "सफेद झूठ" बताकर खारिज कर रही है। चलिए, समझते हैं कि आखिर यह पूरा मामला है क्या।

क्या है पूरा मामला: हाल ही में दिल्ली के पर्यावरण और वन विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने दावा किया था कि पिछले 8 सालों में दिल्ली की हवा 30% तक साफ हुई है और यमुना की सफाई में भी काफी सुधार हुआ है। यह सुनने में तो बहुत अच्छा लगता है, लेकिन दिल्ली सरकार में मंत्री और AAP नेता सौरव भारद्वाज ने इन दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सौरव भारद्वाज का कहना है कि यह अधिकारी सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने इसे सीधे-सीधे "अदालत की अवमानना" बताया है। AAP का आरोप है कि जो अधिकारी आज दिल्ली के सुधरे हुए पर्यावरण का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, वही अधिकारी सरकार के कामों में अड़ंगा लगाते रहे हैं।

AAP के आरोप क्या हैं: AAP का कहना है कि सरकार ने कूड़ा जलाने से रोकने के लिए बस मार्शलों की तैनाती के लिए फंड मांगे, लेकिन इन्हीं अधिकारियों ने फाइलें रोके रखीं। यही नहीं, यमुना को साफ करने के लिए जरूरी प्रोजेक्ट्स की पेमेंट भी समय पर नहीं होने दी गई। अब जब सरकार के प्रयासों से कुछ सुधार दिख रहा है, तो ये अफसर खुद की पीठ थपथपा रहे हैं।

साफ है कि दिल्ली में सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि सत्ता के गलियारों में भी प्रदूषण और यमुना की सफाई को लेकर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ काम के दावे हैं, तो दूसरी तरफ काम रोकने के आरोप। अब सच क्या है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इस लड़ाई में दिल्ली की जनता पिस रही है।