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Up Kiran, Digital Desk: जब चुनाव का समय नजदीक आता है, तो वोटर लिस्ट में संशोधन की प्रक्रिया हमेशा चर्चा का विषय बन जाती है। इस बार चुनाव आयोग ने Special Intensive Revision (SIR) नामक अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य 12 राज्यों में वोटर लिस्ट को और भी अधिक सटीक बनाना है। यह पहल न केवल लिस्ट में मौजूद गलतियों को सुधारने के लिए है, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत बनाने के लिए भी जरूरी है।

SIR अभियान की विशेषताएँ

साल 2025 में शुरू हुआ SIR अभियान देश के 12 राज्यों में चल रहा है। इन राज्यों में वोटर लिस्ट की जांच और सुधार के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि केवल योग्य मतदाता ही सूची में शामिल हों और गलत नामों को हटाया जा सके। चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का अंतिम लक्ष्य यह है कि हर योग्य नागरिक का नाम सही समय पर वोटर लिस्ट में शामिल हो।

क्या होगा इस अभियान में?

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होने वाली इस प्रक्रिया में प्रत्येक वोटर को घर पर एक "यूनिक एन्यूमरेशनल फॉर्म" प्राप्त होगा। इस फॉर्म में उनका वोटर डिटेल होगा, जिसे उन्हें अपनी पहचान और पुराने रिकॉर्ड से मिलाकर जांचना होगा। यदि किसी वोटर का नाम पुरानी सूची में था तो उसे कोई अतिरिक्त दस्तावेज़ नहीं दिखाना होगा। लेकिन अगर नाम गायब हो, तो उसे सही दस्तावेज़ के साथ जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

SIR की प्रक्रिया के महत्व को समझें

यह अभियान सिर्फ वोटर लिस्ट की शुद्धता के लिए नहीं है, बल्कि इसके ज़रिए चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है। मतदान करने का अधिकार केवल उन्हीं को मिलना चाहिए जिनके पास सभी कानूनी और वैध प्रमाण हों। इससे न केवल गलत वोटिंग की संभावना घटेगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को भी ज्यादा साफ-सुथरा बनाया जाएगा।

बिहार से मिली सफलता: क्या बाकी राज्य भी करेंगे वैसा?

बिहार में हुए SIR के पहले चरण को लेकर आयोग ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। करीब 7.5 करोड़ वोटर ने इस प्रक्रिया में भाग लिया, और 90,000 BLO (Booth Level Officers) तथा 1.6 लाख एजेंट पूरी तरह से इस अभियान में सक्रिय रूप से शामिल हुए। अब आयोग की योजना है कि बाकी राज्यों में भी यही मेहनत और सजगता बरती जाए ताकि हर वोटर के नाम का सही रिकॉर्ड सुनिश्चित किया जा सके।

किस राज्य में चल रहा है SIR?

यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया कुल 12 राज्यों में लागू की जा रही है, जिनमें शामिल हैं:
पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गोवा, छत्तीसगढ़, लक्षद्वीप, गुजरात, मध्य प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह।

SIR के विभिन्न चरणों की तारीखें

चुनाव आयोग ने इस पूरे अभियान के लिए एक स्पष्ट शेड्यूल भी जारी किया है।

28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक प्रिंटिंग और ट्रेनिंग का काम होगा।

4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक प्रत्येक घर का डिटेल वेरिफाई किया जाएगा।

9 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।

इसके बाद 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक क्लेम और ऑब्जेक्शन का समय होगा।

और अंततः 7 फरवरी 2026 को फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।

वोटर लिस्ट की शुद्धता की आवश्यकता क्यों है?

चुनाव आयोग का मानना है कि SIR अभियान की सफलता न केवल वर्तमान चुनावों के लिए, बल्कि आने वाले चुनावों के लिए भी जरूरी है। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी योग्य नागरिक अपनी वोटिंग का अधिकार सही तरीके से इस्तेमाल कर सकें। 1951 से लेकर 2004 तक कुल 8 बार इस प्रक्रिया को अपनाया गया था, और अब फिर से यह कदम उठाया जा रहा है।