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Up kiran,Digital Desk : चुनाव आयोग आज एक्शन में है और एक बेहद अहम मुद्दे पर बैठक करने जा रहा है। मुद्दा सीधे तौर पर आपसे और आपके वोट देने के अधिकार से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा और अपडेट करने का काम तय समय से पीछे चल रहा है। इसी को लेकर आज चुनाव आयोग यह तय कर सकता है कि इन राज्यों को और समय दिया जाए या नहीं। आयोग का मानना है कि एक भी नाम की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए, भले ही इसके लिए थोड़ा और वक्त क्यों न देना पड़े।

तो आखिर क्या है यह 'महा-सफाई' का अभियान?

दरअसल, चुनाव आयोग देशभर में एक विशेष अभियान चला रहा है, जिसे स्पेशल गहन पुनरीक्षण (SIR) नाम दिया गया है। इसका सीधा और सरल मकसद है- वोटर लिस्ट की सफाई करना।

क्या-क्या हो रहा है इसमें?

  • लिस्ट से डुप्लीकेट या एक ही व्यक्ति के कई नाम हटाए जा रहे हैं।
  • जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम लिस्ट से काटे जा रहे हैं।
  • जो लोग अपना घर बदलकर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं, उनके नाम सही जगह पर जोड़े जा रहे हैं।
  • सबसे अहम, जो युवा 18 साल के हो गए हैं, उनके नाम वोटर लिस्ट में शामिल किए जा रहे हैं।

इस पूरी प्रक्रिया का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे फर्जी वोटिंग की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।

तो फिर काम धीमा क्यों चल रहा है?

इस 'महा-सफाई' अभियान का सबसे जरूरी हिस्सा है घर-घर जाकर सत्यापन। यह काम बूथ-स्तर के अधिकारी (BLO) कर रहे हैं। आपके घर भी बीएलओ फॉर्म लेकर जरूर आए होंगे। लेकिन असली चुनौती यहीं है। ज्यादातर बीएलओ शिक्षक या दूसरे सरकारी कर्मचारी होते हैं, जिन्हें यह काम अपनी रेगुलर ड्यूटी के साथ करना पड़ता है। ऐसे में इतने बड़े इलाके में हर घर तक जाकर जांच पूरी करना उनके लिए एक मुश्किल काम साबित हो रहा है, और यही देरी की सबसे बड़ी वजह है।

राज्यों का क्या है हाल?

उत्तर प्रदेश ने मांगा 2 हफ्ते का 'ग्रेस पीरियड'

यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया है कि उन्हें यह काम पूरा करने के लिए दो हफ्ते का और समय दिया जाए। यूपी में यह अभियान 4 नवंबर से चल रहा है। अधिकारी का कहना है कि उन्हें मृत, शिफ्ट हो चुके और लापता वोटरों की एंट्री को दोबारा जांचने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए, ताकि कोई गलती न रह जाए। हालांकि, राज्य में 99% से ज्यादा जनगणना फॉर्मों को डिजिटल किया जा चुका है।

बंगाल को पहले ही मिल चुकी है मोहलत, नई तारीखें जारी

पश्चिम बंगाल में काम के बोझ को देखते हुए चुनाव आयोग पहले ही डेडलाइन बढ़ा चुका है। वहां वोटर लिस्ट के फाइनल प्रकाशन की तारीख अब 14 फरवरी, 2026 कर दी गई है।

बंगाल का नया शेड्यूल:

  • घर-घर जाकर जांच: आज यानी 11 दिसंबर को खत्म हो जाएगी।
  • नई लिस्ट का ड्राफ्ट: 16 दिसंबर को जारी होगा।
  • शिकायतें और दावे: 16 दिसंबर से 15 जनवरी, 2026 तक किए जा सकेंगे।
  • फाइनल जांच: 7 फरवरी, 2026 तक पूरी होगी।
  • अंतिम वोटर लिस्ट: 14 फरवरी, 2026 को प्रकाशित की जाएगी।

आज की बैठक के बाद यह साफ हो जाएगा कि यूपी जैसे अन्य राज्यों को भी राहत मिलती है या नहीं।