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इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष एक बार फिर संभावित विराम की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। जहां इजरायल लगातार गाजा पर भीषण हमले कर रहा है, वहीं खबर है कि उसने 45 दिनों के युद्धविराम की पेशकश की है, बशर्ते कि हमास बंधक बनाए गए लोगों में से शेष आधे को रिहा कर दे।

इजरायल की शर्तें

हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि इजरायल ने युद्धविराम के लिए कुछ अहम शर्तें रखी हैं, जिनमें शामिल हैं:

बंधकों की रिहाई: पहले सप्ताह में ही आधे बंधकों को रिहा करना होगा।

हथियारों का परित्याग: हमास को गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए अपने हथियार डालने होंगे।

मानवीय सहायता की अनुमति: युद्धविराम के दौरान गाजा में मानवीय सहायता बहाल की जाएगी।

इजरायल की ओर से इस प्रस्ताव को लेकर आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी तक नहीं आई है।

                                                                                                                                                                        हमास का रुख

हमास ने स्पष्ट किया है कि वह स्थायी युद्धविराम, गाजा से इजरायली सेना की पूरी वापसी और मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति जैसे प्रमुख मुद्दों पर सहमति के लिए तैयार है। हमास के प्रतिनिधियों ने बताया कि वे इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कतर रवाना हो रहे हैं, जहां समूह का प्रमुख कार्यालय है और इजरायल के साथ मध्यस्थता वार्ता भी आयोजित की जाती है।

बंधकों की स्थिति

हमास के कब्जे में अभी भी करीब 58 लोग बंधक हैं। इनमें से इजरायली सेना का कहना है कि 34 बंधकों की मौत हो चुकी है। इससे पहले भी हमास की ओर से कुछ बंधकों को रिहा किया गया था, लेकिन अब युद्धविराम से जुड़ी शर्तों में उनके बड़े पैमाने पर रिहा होने की मांग प्रमुख है।

गाजा में मानवीय संकट गहराया

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के मुताबिक, गाजा में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। चिकित्सा आपूर्ति, ईंधन, पानी और खाद्य सामग्री की भारी कमी है। बीते कई हफ्तों से मानवीय सहायता पूरी तरह बाधित है, जिससे वहां के नागरिक गंभीर संकट में हैं।

यूएन की चेतावनी है कि अगर जल्द ही सहायता नहीं पहुंचाई गई, तो गाजा में हालात पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। मौजूदा संघर्ष की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले से हुई थी, जिसके बाद से जंग जारी है।

आगे क्या?

अब निगाहें इस बात पर हैं कि क्या हमास और इजरायल के बीच यह 45 दिन का प्रस्तावित युद्धविराम किसी स्थायी समाधान की ओर पहला कदम साबित हो सकता है या नहीं। मध्यस्थों की भूमिका और कतर में होने वाली वार्ता इस दिशा में अहम साबित हो सकती है।