अगर आप जागरूक नागरिक तो आपको जान लेना बेहद जरूरी है कि आपके देश में नागरिकता को लेकर कौन से कानून बनाए गए हैं। विदेशों से आने वाले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता कैसे मिलती है और इसके क्या नियम हैं।
जन्म से मिलती है नागरिकता
भारत में जन्मे किसी भी बच्चे को जन्म के साथ ही देश की नागरिकता मिल जाती है। यह नियम 1 जुलाई 1987 से पहले आसान था। लोगों को कोई दिक्कत नहीं होती थी। 1987 के बाद नियम बनाया गया कि भारत में जन्म लेने वाले किसी भी बच्चे के माता पिता भी भारतीय होने चाहिए, तभी उसे नागरिकता मिलेगी।
चरित्र और भाषा के आधार पर नागरिकता
भारतीय संविधान में लिखे नियमों के तहत अगर किसी व्यक्ति का चरित्र अच्छा है और उसे भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किसी भी एक भाषा के पर्याप्त ज्ञान है तो उसे नागरिकता मिल सकती है। इस प्रकार जो नागरिकता मिलती है उसे न्यूट्रलाइज यानी नागरिक के करण कहा जाता है। अगर किसी देश ने भारतीयों को नागरिकता देने पर रोक लगा रखी है तो ऐसे में उस देश के लोगों को भी भारत की नागरिकता नहीं दी जाती। साथ ही उन लोगों को नागरिकता नहीं मिलती है जो गैरकानूनी तरीके से भारत में आकर रहने लगे या फिर वीजा अवधि के बाद भी गलत तरीके से भारत में रह रहे हैं।
देश का विस्तार होने से मिलती है नागरिकता
जब किसी देश का कोई हिस्सा किसी नए देश का हिस्सा बन जाता है या उसमें ही मर्ज हो जाता है तो वहां सभी नागरिकों को इस देश की नागरिकता दे दी जाती है। जैसे पुडुचेरी जब भारत का हिस्सा बना तो वहां रहने वाली आबादी भारत के नागरिक बन गई। सभी को भारत की नागरिकता दे दी गई।
रजिस्ट्रेशन से मिलती है नागरिकता
कुछ नियमों के तहत एक व्यक्ति को भारत के नागरिक के रूप में भी पंजीकृत किया जा सकता है। यानी रजिस्ट्रेशन के जरिए भी नागरिकता मिल सकती है। अगर आवेदन से पहले सात साल तक भारत का सामान्य निवासी हो या फिर अविभाजित भारत का निवासी हो और जिसने भारत के नागरिक से विवाह किया हो, उन्हें भी नागरिकता मिल जाती है। इसके अलावा कुछ अन्य कैटेगरी के लोगों का भी रजिस्ट्रेशन के जरिए नागरिकता उनको मिल जाती है।
वंश के हिसाब से भी मिलती है नागरिकता
संविधान लागू होने के बाद यानी 26 जनवरी 1950 के बाद जो लोग भारत में पैदा हुए हैं और वह लोग जो 10 दिसंबर 1992 से पहले भारत के बाहर पैदा हुए हैं, उन्हें भी भारत का नागरिक ही माना जाएगा। लेकिन उसके जन्म के समय उसके पिता के पास भारत की नागरिकता होनी चाहिए। अब सवाल है कि जो लोग 10 दिसंबर 1992 के बाद भारत के बाहर पैदा हुए हैं तो क्या वो भारत के नागरिक मानी जाएंगी? तो हम आपको बता दें कि इस स्थिति में पैदा हुए बच्चे के माता पिता दोनों के ही पास भारत की नागरिकता होनी ही चाहिए। तभी बच्चे को नागरिकता मिलेगी।
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