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Up Kiran, Digital Desk: महुआ विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा दृश्य सामने आया कि राजनीतिक हलकों में हलचल फैल गई। जनता दल (यूनाइटेड) की राज्य महासचिव डॉ. अस्मा परवीन ने पार्टी से अपने टिकट न मिलने पर सार्वजनिक रूप से आंसू बहाए। इस भावनात्मक पल के बाद उन्होंने न केवल पार्टी का टिकट न मिलने पर दुख व्यक्त किया बल्कि अपने पद और सदस्यता दोनों से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।

टिकट बंटवारे ने जदयू वर्कर्स में भूचाल मचा दिया

गठबंधन राजनीति की गणना के चलते जदयू के लिए महुआ सीट को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को आवंटित किया गया। इस कदम ने डॉ. परवीन की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया। 2020 में इसी सीट से उन्होंने जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था, हालांकि राजद के मुकेश रोशन से करीब 13,000 मतों से हार गई थीं। हार के बाद भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी और 2025 में मजबूत दावेदार मानी जा रही थीं।

निर्दलीय मैदान में आने का फैसला

अपनी निराशा जाहिर करते हुए डॉ. परवीन ने अब महुआ से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोकने का निर्णय लिया है। समर्थकों के साथ उन्होंने नामांकन की तैयारी शुरू कर दी है। स्थानीय भाषणों में वे भावुक हो उठीं और यह कहा कि उन्हें पार्टी नेतृत्व ने ठुकराया है।

पिछली लड़ाई और हालिया गठजोड़

2020 के चुनाव में महुआ की जटिल राजनीति ने परिणाम को बदल दिया था। लोजपा के भीतर अंदरूनी मतभेदों ने वोटो में विभाजन कर दिया था। इस बार गठबंधन ने फिर वही चाल चली—लोजपा (रामविलास) ने महुआ से संजय सिंह को नामित किया है। यह फैसला जदयू के कार्यकर्ताओं में भारी नाराज़गी पैदा कर रहा है।