Up Kiran, Digital Desk: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर बेहद कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से आतंकवाद का सामना कर रहा है क्योंकि उसका पड़ोसी देश खुले तौर पर आतंक को अपनी राजकीय नीति बना चुका है।
जयशंकर ने अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें हमलावरों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया गया।
उन्होंने कहा, “भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने नागरिकों की रक्षा करने का अधिकार इस्तेमाल किया है और हम किसी भी तरह की बर्बरता को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
“आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस”
विदेश मंत्री ने साफ किया कि भारत आतंकवाद से निपटने में कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है। “जब कोई देश आतंक को खुलेआम बढ़ावा देता है, जब आतंकियों के ठिकाने खुलेआम चलाए जाते हैं और उन्हें हीरो की तरह पेश किया जाता है, तो यह सिर्फ भारत नहीं, वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन जाता है।”
जयशंकर ने यह भी बताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों की सूची में पाकिस्तान के नागरिकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने दुनिया से अपील की कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले देशों पर कड़ा आर्थिक और राजनीतिक दबाव बनाया जाए।
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