doha summit: भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने बीते कल को कहा कि ब्रिक्स देशों का अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने का कोई इरादा नहीं है और भारत कभी भी डॉलर के विमुद्रीकरण के पक्ष में नहीं रहा है। उनका ये बयान अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस धमकी के जवाब में आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर ब्रिक्स देश साझा मुद्रा की योजना पर आगे बढ़ते हैं तो वे 100 प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे।
उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि ब्रिक्स राष्ट्र इस मामले पर आम सहमति नहीं रखते हैं। उन्होंने कतर में दोहा फोरम में बोलते हुए यह बात कही। वह कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान और नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईडे के साथ एक पैनल में बोल रहे थे। जयशंकर ने कहा कि मुझे ठीक से पता नहीं है कि इसके पीछे क्या कारण था, मगर हमने हमेशा कहा है कि भारत कभी भी डी-डॉलराइजेशन के पक्ष में नहीं रहा है। अभी, ब्रिक्स मुद्रा रखने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
आपको बता दें कि विदेश मंत्री जयशंकर कतर के पीएम के निमंत्रण पर दोहा फोरम में भाग लेने के लिए दोहा में हैं। ट्रंप ने 30 नवंबर को ब्रिक्स देशों को अमेरिकी डॉलर को बदलने के किसी भी कदम के विरुद्ध चेतावनी दी थी। उन्होंने नौ सदस्यीय समूह जिसमें भारत, रूस, चीन और ब्राजील शामिल हैं, से प्रतिबद्धता की मांग करते हुए ऐसे प्रयास के लिए सदस्य देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
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