Jalore News: रविवार की रात उम्मेदाबाद आयुर्वेदिक अस्पताल ने एक ऐसी त्रासदी को देखा जिसने न केवल एक डॉक्टर की जिंदगी को निगल लिया, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुरक्षा की गंभीरता पर भी एक गंभीर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया। अज्ञात कारणों से लगी आग में डॉक्टर मुरारी लाल मीणा की इतनी भयानक मौत हुई कि सिर्फ राख ही बरामद हो सकी।
डॉक्टर मुरारी जयपुर के करतारपुर भगवती नगर के निवासी थे और उम्मेदाबाद आयुर्वेदिक अस्पताल में कार्यरत थे। अस्पताल के परिसर में बने एक कमरे में रहकर अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे। रविवार रात आग की भीषण लपटें उनके कमरों में फैल गईं, जिससे उन्हें भागने का कोई मौका नहीं मिला। ये घटना उन लोगों के लिए एक गंभीर स्मरण का कार्य करती है जो स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए हैं और जिनकी दिन-रात की मेहनत हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करती है।
सोमवार की सुबह जब इलाके से धुआं उठता नजर आया तब पड़ोसियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। उम्मेदाबाद चौकी पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। पुलिस उपाधीक्षक जालौर, गौतम जैन और बिशनगढ़ थानाधिकारी नेम सिंह समेत अन्य अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और घटनाक्रम का जायजा लिया।
पुलिस ने मृतक डॉक्टर के परिजनों और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को सूचित किया, ताकि वे इस दर्दनाक घटना के दौरान अति संवेदनशीलता के साथ जांच कर सकें। फिलहाल, आग के कारणों की जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है। पुलिस ने पूरी गंभीरता से मामले की हर परत को खंगालने का आश्वासन दिया है, ताकि घटना के असल कारणों का खुलासा संभव हो सके।