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Up Kiran, Digital Desk: बेंगलुरु में एक दिल दहला देने वाली घटना ने न सिर्फ एक परिवार की जिंदगी छीन ली बल्कि सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान के जालौर जिले के एक छोटे से गांव मोदरा को भी शोक में डुबो दिया। बीती रात एक भीषण आगजनी की घटना में गांव के ही मदन सिंह उनकी पत्नी, दो बच्चे और दो अन्य परिजनों की दर्दनाक मौत हो गई।

बेहतर भविष्य की तलाश जो बना जीवन की आखिरी मंज़िल

मदन सिंह का परिवार कई साल पहले बेहतर रोजगार की उम्मीद में बेंगलुरु गया था। वहां उन्होंने नगरपेट इलाके में एक छोटी सी दुकान और उसके ऊपर ही एक गोदाम किराए पर लिया। यही जगह उनका आशियाना भी थी। जीवन को संवारने की जो चाह थी वह वही जाकर थम गई।

बताया जा रहा है कि हादसा रात के लगभग 3 बजे हुआ जब परिवार गहरी नींद में था। अचानक गोदाम में शॉर्ट सर्किट हुआ और वहां रखा ज्वलनशील सामान चंद मिनटों में लपटों में तब्दील हो गया।

धमाके की आवाज से जागा मोहल्ला

आग की भयावहता तब और बढ़ गई जब एक गैस सिलेंडर आग की चपेट में आ गया। तेज धमाके की आवाज सुनते ही इलाके के लोग घरों से बाहर निकल आए। जब तक कोई कुछ समझ पाता मदन सिंह का मकान पूरी तरह आग की गिरफ्त में था। लोग मदद करना चाहते थे लेकिन धुएं और आग ने किसी को भीतर घुसने का मौका नहीं दिया।

स्थानीय लोगों ने फौरन दमकल विभाग को सूचना दी। मौके पर कई फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंचीं और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। मगर तब तक सब कुछ राख हो चुका था। बचाव टीमों के लिए शवों को ढूंढना भी किसी चुनौती से कम नहीं था।

गांव में गूंजा मातम जन्माष्टमी की खुशियां बदलीं सन्नाटे में

घटना की खबर जैसे ही मोदरा गांव पहुंची वहां शोक की लहर दौड़ गई। जन्माष्टमी का त्योहार जो उल्लास और उत्सव का प्रतीक होता है इस बार गांव में मातम में तब्दील हो गया। मदन सिंह को गांव में एक मेहनती और नेकदिल इंसान के तौर पर जाना जाता था। गांव के बुजुर्ग हों या बच्चे हर किसी की आंखें नम थीं।

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