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Up Kiran, Digital Desk: केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को ऐलान किया कि जम्मू-कश्मीर में प्रस्तावित नई जलविद्युत परियोजनाओं के शुरुआती चरण में उनकी भंडारण क्षमता बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। मंत्री ने कहा कि ऐसी परियोजनाएं जो पहले से पाइपलाइन में हैं, उनके तकनीकी बिंदु तय हो चुके हैं और उनमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

मंत्री ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “जहां तक सिंधु जल संधि का सवाल है, जो परियोजनाएं पहले से पाइपलाइन में हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन कुछ योजनाएं अभी शुरुआती स्तर पर हैं, जिनमें अधिक जल भंडारण और बिजली उत्पादन की योजना बनाई जा सकती है।”

पृष्ठभूमि में हालिया आतंकी हमला
यह निर्णय 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हुई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इस संधि के तहत सिंधु नदी प्रणाली पर बड़े जल भंडारण वाले प्रोजेक्ट्स पर प्रतिबंध है। अब सरकार नए प्रोजेक्ट्स में भंडारण क्षमता के विकल्प तलाश रही है।

चार परियोजनाओं को मिली मंजूरी, निर्माण शुरू नहीं
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में फिलहाल चार प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं को केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन इनका निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। ये हैं:

न्यू गांदरबल (93 मेगावाट) – सिंध नाले पर

किर्थाई-II (930 मेगावाट) – चिनाब नदी पर

सवालकोट (1,856 मेगावाट) – चिनाब नदी पर

उरी-I स्टेज-II (240 मेगावाट) – झेलम नदी पर

इनमें से तीन परियोजनाओं में सीमित पोंडेज की सुविधा है, लेकिन सभी रन-ऑफ-द-रिवर (नदी के प्रवाह पर आधारित) हैं। CEA फिलहाल चिनाब की सहायक नदी मरुसुदार पर प्रस्तावित 800 मेगावाट के बर्सर स्टोरेज-बेस्ड हाइड्रो प्रोजेक्ट पर भी सर्वेक्षण कर रहा है।

अन्य प्रस्तावित परियोजनाएं
CEA के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में 1,088 मेगावाट क्षमता की नौ जलविद्युत परियोजनाओं की संभावनाएं बनी हुई हैं। इनमें से दो – गंगबल (48 मेगावाट) और वार्डवन बर्सर (255 मेगावाट) – स्टोरेज आधारित होंगी, जबकि बाकी रन-ऑफ-द-रिवर तकनीक पर आधारित होंगी।

चिनाब नदी पर चार प्रमुख परियोजनाओं पर जोर
सरकार चिनाब नदी पर चार प्रमुख परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन पर जोर दे रही है:

पाकल दुल (1,000 मेगावाट)

रैतल (850 मेगावाट)

किरू (624 मेगावाट)

क्वार (540 मेगावाट)

इनमें पाकल दुल सबसे अहम मानी जा रही है। यह जम्मू-कश्मीर में बन रही पहली स्टोरेज-बेस्ड परियोजना होगी, जिसमें 109 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भंडारण की क्षमता होगी। इसके सितंबर 2026 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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