
Up Kiran, Digital Desk: जम्मू और कश्मीर में भारी बारिश ने ऐसा कहर बरपाया है कि यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। सबसे ज़्यादा असर भारतीय रेलवे पर पड़ा है, जिसने जम्मू और कटरा स्टेशनों से आने-जाने वाली 68 ट्रेनों को 30 सितंबर तक के लिए रद्द कर दिया है। यह फैसला पिछले आठ दिनों से लगातार हो रही बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के कारण लिया गया है, जिसने पठानकोट-जम्मू सेक्शन में पटरियों को कई जगहों पर भारी नुकसान पहुंचाया है।
इस वजह से हज़ारों लोग, खासकर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आए तीर्थयात्री, अलग-अलग जगहों पर फंस गए हैं। बारिश के कारण सिर्फ ट्रेनें ही नहीं, बल्कि सड़क यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 26 अगस्त से शुरू हुई इस बारिश ने जम्मू में 1910 के बाद का सबसे भयंकर रूप दिखाया है, जिससे हालात और भी चिंताजनक हो गए हैं।
फंसे हुए यात्रियों को कुछ राहत देने के लिए रेलवे ने विशेष व्यवस्था की है। 1 से 15 सितंबर के बीच जम्मू और कटरा के बीच चार शटल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके अलावा, जम्मू तवी-कोलकाता और श्री माता वैष्णो देवी कटरा-नई दिल्ली के लिए भी कुछ ट्रेनों का संचालन हो रहा है।
रेलवे ने संपर्क क्रांति, सियालदह एक्सप्रेस और वंदे भारत जैसी कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों को भी फिर से शुरू कर दिया है, और वंदे भारत 7 सितंबर से पूरी तरह से पटरी पर लौट आएगी। अब तक सात विशेष ट्रेनों के ज़रिए लगभग 5,784 फंसे हुए यात्रियों को उनके घरों के लिए रवाना किया जा चुका है।
मौसम विभाग ने कश्मीर के कुछ हिस्सों में और भी भारी बारिश की आशंका जताई है, जिससे स्थिति के जल्द सुधरने की उम्मीद कम ही लग रही है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि वे अलर्ट पर हैं, लेकिन फिलहाल झेलम और अन्य नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं।
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