
Up Kiran, Digital Desk: क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में लाखों लोग गठिया (Rheumatoid Arthritis - RA) जैसी बीमारी से पीड़ित हैं, और मौजूदा इलाज के बावजूद लगभग हर तीसरा मरीज़ पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाता? अब जापान के वैज्ञानिकों ने इस लाइलाज बीमारी के पीछे छिपे एक बड़े राज़ का पर्दाफाश किया है। क्योटो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने जोड़ों को नुकसान पहुँचाने वाले ऐसे 'इम्यून हब्स' (immune hubs) की पहचान की है, जो RA के रोगियों में दर्द और सूजन का कारण बनते हैं।
क्या है यह नया 'इम्यून हब' और Tph सेल का खेल?
वैज्ञानिकों को पता चला है कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immune system) में 'पेरिफेरल हेल्पर टी सेल्स' (Tph cells) नामक एक खास तरह की कोशिकाएं होती हैं, जो RA में अहम भूमिका निभाती हैं। ये Tph कोशिकाएं दो रूपों में पाई जाती हैं: स्टेम-जैसी (stem-like) Tph सेल्स और इफ़ेक्टर (effector) Tph सेल्स।
शोधकर्ताओं ने पाया कि स्टेम-जैसी Tph सेल्स, जोड़ों में होने वाली सूजन के अंदर 'टर्शियरी लिम्फोइड स्ट्रक्चर्स' (tertiary lymphoid structures) नामक 'इम्यून हब्स' में रहती हैं। यहीं पर वे खुद को बढ़ाती हैं और 'बी सेल्स' (B cells) को सक्रिय करती हैं। इनमें से कुछ कोशिकाएं इफ़ेक्टर Tph सेल्स में बदल जाती हैं, जो इन हब्स से बाहर निकलकर सूजन और दर्द का कारण बनती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि इफ़ेक्टर Tph सेल्स की यह लगातार आपूर्ति ही शायद उन मरीज़ों में सूजन को बनाए रखती है, जिन्हें इलाज के बावजूद आराम नहीं मिलता।
इलाज की नई उम्मीद: स्टेम-जैसी Tph सेल्स को टारगेट करना
यह खोज RA के इलाज के लिए एक नई दिशा दिखा सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर इन स्टेम-जैसी Tph सेल्स को उनके स्रोत पर ही लक्षित किया जाए, तो यह मरीज़ों के लिए ज़्यादा प्रभावी लक्षण राहत और जीवन की गुणवत्ता में सुधार ला सकता है। इस बारे में शोधकर्ताओं ने 'साइंस इम्यूनोलॉजी' (Science Immunology) जर्नल में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है।
क्योटो से पहले लेखक यूकी मासुओ ने कहा, "हाल ही में उपलब्ध हुई अत्याधुनिक विश्लेषण तकनीकों का उपयोग करके, हमने RA में जोड़ों को होने वाले नुकसान की जगह पर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का एक नया पहलू खोजा है। क्योंकि स्टेम-जैसी Tph सेल्स खुद को नवीनीकृत (self-renew) भी कर सकती हैं और विभेदित (differentiate) भी, वे इस बीमारी का मूल कारण हो सकती हैं।"
'मल्टी-ओमिक्स' तकनीक से हुआ खुलासा
अपने पिछले शोधों के आधार पर, जिसमें उन्होंने दिखाया था कि Tph सेल्स RA रोगियों के जोड़ों में जमा हो जाती हैं और सूजन में योगदान करती हैं, टीम ने RA से प्रभावित जोड़ों के ऊतकों और रक्त से ली गई इम्यून कोशिकाओं का 'मल्टी-ओमिक्स' (multi-omics) नामक एक व्यापक दृष्टिकोण का उपयोग करके विश्लेषण किया। यह तकनीक विभिन्न प्रकार के जैविक डेटा को जोड़कर RA-प्रभावित जोड़ों के ऊतकों में Tph कोशिकाओं के व्यवहार की पूरी तस्वीर पेश करती है।
इस विश्लेषण के नतीजों से पता चला कि अधिकांश स्टेम-जैसी Tph सेल्स इन इम्यून हब्स के अंदर ही रहती हैं, जहाँ वे बी सेल्स के साथ मिलकर काम करती हैं। इसके अलावा, लैब में स्टेम-जैसी Tph सेल्स और बी सेल्स को एक साथ विकसित करने पर, शोधकर्ताओं ने पाया कि यह मेलजोल न केवल स्टेम-जैसी Tph सेल्स को इफ़ेक्टर Tph सेल्स में बदलने में मदद करता है, बल्कि बी सेल्स को भी सक्रिय करता है। दूसरी ओर, इफ़ेक्टर Tph सेल्स हब्स के बाहर पाई जाती हैं, जहाँ वे मैक्रोफेज (macrophages) और साइटोटॉक्सिक (किलर) टी सेल्स जैसे अन्य इम्यून सेल्स के साथ संपर्क करती हैं, जो सूजन को बढ़ाते हैं।
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