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jharkhand chunav 2024: झारखंड में दूसरे चरण के चुनावों के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं, जहां संथाल और कोयलांचल क्षेत्र की सीटों पर चुनावी समीकरण बनते दिख रहे हैं। 20 नवंबर को होने वाले मतदान में संथाल की सभी 18 सीटों, कोयलांचल (उत्तरी छोटानागपुर) की 18 सीटों और दक्षिणी छोटानागपुर की 2 सीटों (खिजरी और सिल्ली) पर वोटिंग होगी। इन 36 सीटों का परिणाम यह तय करेगा कि राज्य की सत्ता किसके हाथ में होगी, क्योंकि 2014 और 2019 के चुनावों में इन क्षेत्रों ने अहम भूमिका निभाई थी।

संथाल में एड़ी चोटी का जोर

संथाल क्षेत्र में इस बार कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है, जबकि कोयलांचल में सियासी समीकरण बदल सकते हैं। 2014 के चुनाव में एनडीए को 21 सीटें मिली थीं, जबकि वर्तमान इंडिया गठबंधन (झामुमो, कांग्रेस, माले) को 14 सीटें हासिल हुई थीं। 2019 में एनडीए (तब भाजपा और आजसू अलग-अलग थीं) को 12 सीटें मिलीं, जबकि इंडिया गठबंधन को 22 सीटें प्राप्त हुईं।

उत्तरी छोटानागपुर में एनडीए की चुनौती और इंडिया गठबंधन की रणनीति

उत्तरी छोटानागपुर में एनडीए अब अपने गढ़ को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है, जबकि इंडिया गठबंधन अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश में है। 2014 में रघुवर दास के नेतृत्व में एनडीए ने इस प्रमंडल में 13 सीटें जीती थीं, जिसमें भाजपा को 11 और आजसू को 2 सीटें मिली थीं। वहीं, 2019 में एनडीए की सत्ता से हटने में भी इसी प्रमंडल की अहम भूमिका रही थी, जब भाजपा और आजसू अलग-अलग चुनाव लड़े थे।

आदिवासी आरक्षित सीटों पर नजर

संथाल क्षेत्र में आदिवासी आरक्षित सीटों पर दोनों गठबंधनों की नजर है। कुल 18 सीटों में से 7 एसटी आरक्षित हैं, जिनमें बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, दुमका और जामा शामिल हैं। 2014 में भाजपा ने यहां से 2 और झामुमो ने 5 सीटें जीती थीं। दोनों गठबंधनों की नजर इस बार एसटी आरक्षित सीटों पर है, जो चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकती हैं।

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