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Up Kiran , Digital Desk: राजस्थान की वीर भूमि झुंझुनूं एक बार फिर शोक में डूब गई है। जिले के नवलगढ़ उपखंड स्थित बिरोल गांव के वायुसेना में कार्यरत जवान प्रकाश जांगिड़ ने देश सेवा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। अंबाला में तबीयत बिगड़ने के बाद चंडीगढ़ तक चले इलाज के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। रविवार को जब उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ उनके गांव पहुंचा, तो पूरे क्षेत्र में मातम छा गया।
प्रकाश जांगिड़ पंजाब के अंबाला में अपनी सेवाएं दे रहे थे। ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। उन्हें तत्काल अंबाला के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उन्हें चंडीगढ़ रेफर किया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। जैसे ही उनके गांव बिरोल में उनकी शहादत की खबर पहुंची, शोक की लहर दौड़ गई और हर कोई अपने इस वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए व्याकुल हो उठा।
तिरंगे में लिपटे सपूत का भावुक स्वागत
रविवार की सुबह जब एयर फोर्स की एंबुलेंस झाझड़ रोड पर पहुंची, तो वहां पहले से ही बड़ी संख्या में शोकाकुल ग्रामीण एकत्रित थे। तिरंगे में लिपटे प्रकाश जांगिड़ के पार्थिव शरीर को देखकर सबकी आंखें नम थीं, लेकिन हर हृदय अपने वीर जवान पर गर्व कर रहा था। युवाओं ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज थामकर बाइक रैली और पैदल मार्च निकाला और पार्थिव देह को बिरोल गांव तक ले गए। इस दौरान 'भारत माता की जय' और 'जब तक सूरज चांद रहेगा, प्रकाश तेरा नाम रहेगा' जैसे देशभक्ति के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।
बेटे ने दी मुखाग्नि, पत्नी हुईं बेसुध
जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, कोहराम मच गया। जवान की पत्नी सुशीला गहरे सदमे में बेसुध हो गईं, जिन्हें गांव की महिलाओं ने संभाला। बेटे नितिन की आंखों में पिता के शौर्य का अभिमान और बिछड़ने का असहनीय दर्द साफ झलक रहा था। वायुसेना के अधिकारियों ने उन्हें राष्ट्रीय ध्वज सौंपा, एक ऐसा दृश्य जिसने उपस्थित सभी लोगों को भावुक कर दिया। नितिन ने ही अपने पिता को मुखाग्नि दी, जिसे देखकर हर आंख अश्रुपूर्ण हो उठी।
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