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Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति पी. कृपासागर को उनके मृदुभाषी स्वभाव, असाधारण धैर्य और न्यायपूर्ण विवेक के लिए कानूनी बिरादरी द्वारा हार्दिक सराहना मिली। यह प्रशंसा उनके विदाई समारोह में व्यक्त की गई, जो न्यायपालिका में उनके नैतिक मूल्यों और उच्च आचरण का प्रमाण है।

उच्च न्यायालय की एक पीठ में बैठीं न्यायमूर्ति टी. ललिता कुमारी ने न्यायमूर्ति कृपासागर के स्थानांतरण के बावजूद उनके शांत और संयमित स्वभाव की विशेष प्रशंसा की। उनके साथ बेंच पर न्यायमूर्ति बी.एस. भानुमति और न्यायमूर्ति वी. वेंकटरामना भी उपस्थित थे। न्यायमूर्ति ललिता कुमारी ने जोर देकर कहा कि इतने उच्च पद पर रहते हुए भी न्यायमूर्ति कृपासागर ने हमेशा अपनी विनम्रता और सौम्यता बनाए रखी। उनके इस स्वभाव ने न केवल अदालत के माहौल को सुखद बनाया, बल्कि मामलों को धैर्यपूर्वक सुनने और न्यायपूर्ण निर्णय लेने में भी मदद की।

बार एसोसिएशन के सदस्यों ने भी न्यायमूर्ति कृपासागर की कर्तव्यनिष्ठा और उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया। राज्य के लोक अभियोजक वाई. नूतन कुमार और आंध्र प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य टी. सुब्बाराव ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए और न्यायमूर्ति कृपासागर के योगदान को सराहा। यह उल्लेख किया गया कि न्यायिक प्रक्रिया में उनका शांत आचरण और निष्पक्ष दृष्टिकोण सभी के लिए एक प्रेरणा था।

न्यायमूर्ति कृपासागर का उच्च न्यायालय से स्थानांतरण हुआ है, लेकिन उनकी न्यायिक विरासत और उनके नैतिक मूल्य कानूनी समुदाय में हमेशा सराहे जाते रहेंगे। यह विदाई समारोह उनके योगदान और एक आदर्श न्यायाधीश के रूप में उनकी पहचान को दर्शाता है।