Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में जम्मू-कश्मीर में राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने तीन सीटें जीतकर बड़ी सफलता हासिल की, लेकिन इस चुनाव के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अब्दुल्ला का कहना है कि बीजेपी के पास सिर्फ 28 विधायक थे, फिर भी पार्टी को 32 वोट कैसे मिले?
उमर अब्दुल्ला ने साफ कहा कि उनके किसी विधायक ने क्रॉस वोटिंग नहीं की है, फिर भी बीजेपी को चार अतिरिक्त वोट कैसे मिले? इस पर उन्होंने सवाल उठाया और दावा किया कि उनके एजेंटों ने चुनावी प्रक्रिया में हर पर्ची की जांच की थी। अब्दुल्ला ने यह भी आरोप लगाया कि वोट देने के दौरान कुछ विधायकों ने गलत वरीयता संख्या डालकर अपना वोट रद्द करवा लिया था। उनका कहना था कि इन विधायकों में इतनी हिम्मत नहीं कि वे खुले तौर पर बीजेपी का समर्थन स्वीकार कर सकें, और जो लोग ऐसा कर रहे हैं, उन्होंने अपनी आत्मा बीजेपी के हाथों बेच दी है।
चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो जम्मू-कश्मीर में हुए राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि, बीजेपी के लिए सिर्फ एक सीट जीतने का रास्ता खुला, और सत शर्मा ने 32 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की, जबकि बीजेपी के पास केवल 28 विधायक थे। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार चौधरी मोहम्मद और सज्जाद किचलू ने बीजेपी के प्रत्याशियों को हराया।
अब यह सवाल उठ रहा है कि बीजेपी को अतिरिक्त चार वोट कैसे मिले? कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को समर्थन दिया। उमर अब्दुल्ला ने इस पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि निर्दलीय विधायकों ने उन्हें समर्थन देने का वादा किया था, लेकिन वोटों की गिनती में कुछ अप्रत्याशित घटनाएँ घटीं।
इसी बीच, इमरान नबी डार, जो कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार हैं, ने बीजेपी पर चुनाव में खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा अपने चुनावी अभियान में ईमानदारी से नहीं खेलती, और इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ। वहीं, बीजेपी के जीतने वाले प्रत्याशी सत शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि जिन विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी, उन्होंने पार्टी का समर्थन किया और इस निर्णय को खुलकर स्वीकार किया।
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