Up kiran,Digital Desk : जस्टिस सूर्यकांत ने भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ग्रहण की है। चीफ जस्टिस बी.आर. गवई के उत्तराधिकारी के रूप में, जस्टिस सूर्यकांत करीब 15 महीनों तक इस महत्वपूर्ण पद पर अपनी सेवाएं देंगे। वे 9 फरवरी, 2027 को 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर सेवानिवृत्त होंगे।
ऐतिहासिक फैसलों में रही अहम भूमिका
जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल न्यायपालिका के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि वे कई बड़े और ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने, बिहार चुनाव की मतदाता सूची में संशोधन और पेगासस स्पाइवेयर मामले से जुड़े मामले शामिल हैं। इन फैसलों ने न सिर्फ कानूनी जगत में, बल्कि आम नागरिकों के बीच भी काफी चर्चा बटोरी।
सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर फैसले
इसके अतिरिक्त, जस्टिस सूर्यकांत ने राजद्रोह (sedition) कानून के तहत नई FIR दर्ज करने पर रोक लगाने का महत्वपूर्ण फैसला भी सुनाया था। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान हुई सुरक्षा चूक की जांच के लिए एक समिति का गठन भी उनके द्वारा किया गया था।
नियुक्ति और परंपरा
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की थी, जिस पर राष्ट्रपति ने मुहर लगाई। जस्टिस सूर्यकांत का करीब 15 महीने का कार्यकाल उन्हें कई महत्वपूर्ण मामलों में निर्णय लेने का अवसर देगा।
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