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Up Kiran, Digital Desk: दुनिया की मशहूर कार निर्माता कंपनी, किआ इंडिया (Kia India), अब सिर्फ बेहतरीन गाड़ियां ही नहीं बना रही, बल्कि समाज को बेहतर बनाने की भी ज़िम्मेदारी उठा रही है. अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (CSR) के तहत, किआ ने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर और श्री सत्य साईं जिलों के 650 युवाओं को हुनरमंद बनाकर उनके भविष्य को संवारने का बीड़ा उठाया है.

कंपनी ने दो बेहद खास कार्यक्रम शुरू किए हैं - 'उड़ान' और 'प्रोजेक्ट आदि-साक्षरता', जिनका मकसद युवाओं और बच्चों को वो स्किल्स देना है जो आज के दौर में रोज़गार पाने के लिए बेहद ज़रूरी हैं.

क्या है ‘प्रोजेक्ट उड़ान: यह कार्यक्रम उन युवाओं के लिए है जिन्हें नौकरी की सख्त ज़रूरत है.

क्या सिखाया जाएगा? इस प्रोग्राम में युवाओं को 'ऑटोमोटिव सर्विस टेक्निशियन' बनने की पूरी ट्रेनिंग दी जाएगी. यानी उन्हें गाड़ियों की मरम्मत और सर्विसिंग से जुड़ा हर काम सिखाया जाएगा.

कितने युवाओं को मिलेगा मौका? 'उड़ान' के पहले बैच में 132 युवाओं को चुना गया है.

सबसे बड़ी बात: यह ट्रेनिंग पूरी तरह से मुफ्त है. इतना ही नहीं, ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन सभी युवाओं को ऑटोमोबाइल सेक्टर में नौकरी दिलाने में भी किआ कंपनी मदद करेगी.

'प्रोजेक्ट आदि-साक्षरता': अब गांव के बच्चे भी सीखेंगे कंप्यूटर

यह प्रोजेक्ट ग्रामीण इलाकों में डिजिटल क्रांति लाने की एक बेहतरीन कोशिश है.

क्या है मकसद? इस कार्यक्रम का लक्ष्य ग्रामीण परिवारों, खासकर बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा देना है, ताकि वे आज की डिजिटल दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें.

कैसे काम करेगा? किआ की 'मोबाइल कंप्यूटर लैब' यानी एक बस, जिसमें कंप्यूटर लगे हैं, अनंतपुर और श्री सत्य साईं जिलों के 26 अलग-अलग गांवों में जाएगी. यह चलती-फिरती लैब अगले 8 महीनों तक इन गांवों में बच्चों को कंप्यूटर सिखाएगी.

कितने लोगों को होगा फायदा? इस अनोखी पहल से लगभग 520 बच्चों और उनके परिवारों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाया जाएगा.

किआ इंडिया के इन प्रयासों से यह साफ़ है कि कंपनी सिर्फ मुनाफा कमाने पर ही नहीं, बल्कि उस समाज को कुछ वापस लौटाने में भी यकीन रखती है जहाँ वह काम करती है. यह पहल न केवल युवाओं को रोज़गार देगी, बल्कि ग्रामीण भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

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