
Up Kiran, Digital Desk: पार्टी में दरार की अफवाहों के मद्देनजर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने शुक्रवार को वरिष्ठ नेता टी हरीश राव से उनके आवास पर मुलाकात की। इसे क्षति नियंत्रण के उपाय के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टी में हरीश राव को दरकिनार किए जाने की खबरों के बीच अचानक हुई इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। ऐसी भी चर्चा थी कि हाल ही में वारंगल के पास एलुकातुर्थी में आयोजित पार्टी की रजत जयंती बैठक में भी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। ऐसी भी अटकलें थीं कि पार्टी के संकटमोचक के तौर पर पहचाने जाने वाले हरीश राव बीआरएस छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। इसके अलावा ऐसी भी अटकलें थीं कि वे अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करेंगे। हालांकि, संकटमोचक ने हाल ही में यह कहकर इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है कि वे बीआरएस के अनुशासित सिपाही हैं और वे केटीआर के अधीन काम करने के लिए तैयार हैं। हाल ही में मीडिया से बातचीत में उन्होंने राजनीतिक नेताओं से इस पर 'सस्ती राजनीति' बंद करने का आग्रह किया।
शुक्रवार को केटीआर और हरीश राव ने करीब दो घंटे तक एक-दूसरे से चर्चा की, ताकि उन अफवाहों पर विराम लग सके कि उनके बीच कोई मतभेद है। बीआरएस के शीर्ष नेता के करीबी सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने कालेश्वरम परियोजना के मुद्दे पर चर्चा की, क्योंकि पीसी घोष आयोग, जिसने बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना की जांच की थी, दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है।
दोनों ने 19 मई को होने वाली आगामी कैबिनेट बैठक पर भी चर्चा की।
बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल कालेश्वरम परियोजना पर भी चर्चा करेगा।
सूत्रों ने बताया कि नेताओं ने इस मुद्दे पर आगे बढ़ने के बारे में चर्चा की। सूत्रों ने आगे बताया कि बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष ने हरीश राव को उनके इस बयान के लिए धन्यवाद दिया कि वह केटीआर के अधीन काम करेंगे।
बताया जा रहा है कि दोनों नेता एक-दो दिन में पार्टी प्रमुख के. चंद्रशेखर राव से मुलाकात करेंगे।
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