
हरिद्वार में कांवड़ मेला शुरू होते ही आस्था के अलग अलग रंग बिखरने लगे हैं। इन्हीं रंग में एक रंग मां की भक्ति का भी है। उत्तर प्रदेश के शामली में रहने वाली भीम पर मां के प्रति ऐसा प्रेम जगा कि उसने अपनी मां को भी कांवड़ में बिठा लिया और हरकी पैड़ी से पैदल ही शामली के लिए कांवड़ लेकर रवाना हो गया।
कभी तेज धूप, कभी झमाझम बारिश के मौसम में मां को कांवड़िए बिठाकर ले जाते भीम नामक इस कावड़िये को देखकर लोग काफी हैरान हैं। भीम का कहना है कि उसकी बुजुर्ग मां सोमवती पैदल चलने में असमर्थ थी और उन्हें हरिद्वार आने का बड़ा मन था। मां की यह इच्छा पूरी करने के लिए उसने हरकी पैड़ी से ये अनूठी कावड़ निकाली। हरिद्वार से हरकी पौड़ी से आगे सामने या पास भी मना किया जाए या मन में यदि आप अपनी निजी और गंगाजी के अलावा हरद्वार अपने अंदर विराजमान है, तब वह खास दिखने में कैसा लग रहा?
आपको बता दें कि भीम की कांवड़ पर एक सिरे पर बूढ़ी मां बैठी है तो दूसरे पर गंगाजल रखा हुआ है। मां भी अपने बेटे भीम को देखकर काफी उत्साहित है और अपने बच्चों को दुआएं और आशीर्वाद देते नहीं थक रही है।
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