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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक के यादगीर ज़िले में शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह मार्च के आयोजन को ज़िला प्रशासन से हरी झंडी मिल गई। इस अनुमति के बाद अधिकारियों ने मार्च के मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था की पूरी समीक्षा की। हालांकि, अनुमति के साथ 10 शर्तें भी लागू की गईं।

गुरमितकल, जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह क्षेत्र है, में यह आयोजन होने जा रहा है। खड़गे ने इस क्षेत्र से आठ बार विधायक के रूप में अपनी सेवा दी है, और यही कारण है कि यह क्षेत्र उनके राजनीतिक प्रभाव के लिए जाना जाता है।

आरएसएस के जिला प्रचार प्रमुख बसप्पा संजानोल ने 23 अक्टूबर को एक आवेदन देकर इस मार्च के आयोजन की अनुमति मांगी थी। इसके बाद, पुलिस ने जुलूस के मार्ग को लेकर मंजूरी दी। यह जुलूस सम्राट सर्कल, एपीएमसी सर्कल, हनुमान मंदिर, मराठवाड़ी, पुलिस स्टेशन रोड, मिलन चौक और सिहिनीरू बावी मार्केट मेन रोड से होते हुए राम नगर में समाप्त होगा।

हालांकि, प्रशासन ने आयोजकों को कुछ कड़े निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी नियम तोड़ा गया तो आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आयोजन को अनुमति मिलने में आरएसएस को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा है।

प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर की कड़ी प्रतिक्रिया
इस बीच, कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे, प्रियांक खड़गे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। प्रियांक खड़गे ने कहा, “आरएसएस सार्वजनिक स्थानों और स्कूलों में शाखाएं चला रहा है, जहां बच्चों और युवाओं के मन में नकारात्मक विचार भरे जा रहे हैं।”

आरएसएस मार्च के लिए शर्तें:

संपत्ति को नुकसान से बचाना: आयोजक सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए जिम्मेदार होंगे और कोई भी नुकसान होने पर इसकी भरपाई करेंगे।

निर्धारित मार्ग का पालन: आरएसएस स्वयंसेवकों को बिना किसी विचलन के निर्धारित मार्ग का अनुसरण करना होगा।

नारे और बयान: किसी भी जाति, समुदाय या धर्म को ठेस पहुंचाने वाले नारे या बयान की अनुमति नहीं होगी।

सामाजिक शांति बनाए रखना: सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली किसी भी गतिविधि पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है।

सड़कें अवरुद्ध नहीं की जाएं: जुलूस के दौरान सड़कें अवरुद्ध नहीं की जानी चाहिए और दुकानों को जबरन बंद नहीं कराया जाएगा।

हथियार और खतरनाक सामान: हथियार, आग्नेयास्त्र या किसी भी हानिकारक वस्तु के साथ मार्च में शामिल होना सख्त मना है।