
Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक सरकार ने धर्मस्थल के प्रसिद्ध मंदिर शहर में कथित गुप्त दफनाने (secret burials) के आरोपों की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच के आदेश दिए हैं।
यह फैसला कार्यकर्ता महेश शेट्टी थिमरोडी की एक याचिका के बाद आया है, जो इन आरोपों को वर्षों से उठाते रहे हैं। उनका दावा है कि 2012 के सौजन्या बलात्कार और हत्या मामले सहित अन्य कथित लापता होने और मौतों को दबाने के लिए शवों को गुप्त रूप से दफनाया गया है।
थिमरोडी का आरोप है कि पीड़ितों के शवों को, खासकर उन मामलों में जिनमें प्रभावशाली लोग शामिल थे, सबूतों को दबाने और उचित जांच को रोकने के लिए मंदिर शहर में गुप्त रूप से दफनाया गया था। उनका दावा है कि उनके पास ऐसे दफनाने के सबूत हैं और वह इस मामले में एक व्यापक जांच के लिए दबाव डाल रहे हैं।
सरकार का एसआईटी जांच का आदेश देना यह दर्शाता है कि इन लंबे समय से चले आ रहे आरोपों को कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है, खासकर धर्मस्थल जैसे एक प्रमुख धार्मिक संस्थान के आसपास की संवेदनशीलता को देखते हुए। एसआईटी आरोपों के सभी पहलुओं की जांच करेगी, जिसमें कथित दफन स्थलों की पहचान करना, यदि आवश्यक हो तो शवों को बाहर निकालना (exhume) और यह निर्धारित करना शामिल है कि क्या कोई गलत काम (foul play) हुआ था।
धर्मस्थल के धर्माधिकारी, डॉ. वीरेंद्र हेगड़े, इन आरोपों को लगातार निराधार बताते हुए संस्थान की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास बताते रहे हैं। उन्होंने किसी भी ऐसी जांच का स्वागत किया है जिससे सच्चाई सामने आए।
उल्लेखनीय है कि सौजन्या बलात्कार और हत्या का मामला 2012 से ही एक बड़ा विवाद का विषय रहा है। सीबीआई ने इस मामले में एक आरोपी को बरी कर दिया था, लेकिन कार्यकर्ता और पीड़िता का परिवार लगातार दावा कर रहे हैं कि असली अपराधी अभी भी खुले घूम रहे हैं और इस मामले में प्रभावशाली लोगों का हाथ है। अब एसआईटी जांच से इस पुराने और संवेदनशील मामले में नए खुलासे होने की उम्मीद है।
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