img

Up Kiran, Digital Desk: आज के समय में शिक्षा का मकसद सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं, बल्कि छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, कर्नाटक में 'इनोवेशन और उद्यमिता पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी)' का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विशेष रूप से शिक्षकों और अकादमिक पेशेवरों को 'नवाचार' (Innovation) और 'उद्यमिता' (Entrepreneurship) के सिद्धांतों को बेहतर ढंग से समझने और उन्हें अपने छात्रों तक पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था।

कार्यक्रम का उद्देश्य: इस एफडीपी का मुख्य लक्ष्य शिक्षकों को उन कौशलों और ज्ञान से लैस करना था, जिनकी मदद से वे छात्रों में रचनात्मक सोच, समस्या-समाधान की क्षमता और उद्यमी मानसिकता को बढ़ावा दे सकें। कार्यक्रम में शिक्षकों को सिखाया गया कि कैसे वे अपने पाठ्यक्रम में नवाचार के तत्वों को शामिल कर सकते हैं, छात्रों को नए विचार विकसित करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, और उन्हें अपने विचारों को हकीकत में बदलने के लिए मार्गदर्शन दे सकते हैं।

किन विषयों पर हुआ फोकस:

कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र आयोजित किए गए, जिनमें शामिल थे:

इनोवेशन का महत्व: शिक्षा और समाज में नवाचार की आवश्यकता।

उद्यमिता के सिद्धांत: व्यवसाय शुरू करने और उसे चलाने के मूल सिद्धांत।

विचार से प्रोटोटाइप तक: एक विचार को कैसे विकसित करें और उसे एक कार्यशील मॉडल में बदलें।

बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर): नए विचारों और आविष्कारों को कैसे सुरक्षित करें।

फंडिंग और मार्केटिंग: स्टार्टअप्स के लिए धन जुटाने और उत्पादों का विपणन करने के तरीके।

केस स्टडीज और सफल उद्यमी: सफल स्टार्टअप्स और उद्यमियों के उदाहरणों का विश्लेषण।

प्रभाव और भविष्य: इस एफडीपी से उम्मीद है कि शिक्षक अब अपने छात्रों को केवल डिग्री धारक नहीं, बल्कि ऐसे 'इनोवेटर' और 'उद्यमी' बनने के लिए प्रेरित कर पाएंगे जो नई समस्याओं का समाधान ढूंढ सकें और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकें।

--Advertisement--