Up kiran,Digital Desk : बिहार विधानसभा में आजकल एक सवाल गूँज रहा है - "नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आखिर हैं कहाँ?" उन्हें विपक्ष का नेता तो बना दिया गया है, लेकिन सदन में उनकी कुर्सी खाली पड़ी है। बुधवार को भी वह नहीं आए और आज भी उनके आने के आसार कम ही लग रहे हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्या हुआ? दरअसल, मामला उनके परिवार से जुड़ा है। दिल्ली की एक अदालत में आज उनके पिता लालू प्रसाद यादव के ख़िलाफ़ "लैंड फ़ॉर जॉब" मामले में एक बड़ा फ़ैसला आना है। ऐसे मुश्किल वक़्त में तेजस्वी का अपने परिवार के साथ दिल्ली में होना स्वाभाविक है।
लेकिन बिहार की सियासत में भला मौके कहाँ छोड़े जाते हैं! तेजस्वी की ग़ैर-मौजूदगी पर जेडीयू ने तुरंत तंज कस दिया। पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि जिनकी सुरक्षा में 160 पुलिसकर्मी लगे हैं, वो ख़ुद ही सदन से ग़ायब हैं।
अब भला आरजेडी कहाँ चुप बैठने वाली थी! देर शाम उनकी तरफ़ से भी पलटवार आया। आरजेडी के प्रवक्ता ने जेडीयू को जवाब देते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि आपकी पूरी राजनीति सिर्फ़ तेजस्वी यादव के आस-पास ही घूमती है। आप वास्कोडिगामा की तरह तेजस्वी यादव की खोज में मत निकलिए, बल्कि बिहार की जनता के बारे में सोचिए।
कुल मिलाकर, सदन चल रहा है, बयानों का दौर जारी है, और सबकी नज़रें दरवाज़े पर टिकी हैं कि क्या आज नेता प्रतिपक्ष सदन में आएंगे या उनकी कुर्सी आज भी ख़ाली रहेगी।
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