Who is Cheshta Bishnoi: राजस्थान के जैसलमेर की 21 वर्षीय ट्रेनी पायलट चेष्टा बिश्नोई का सपना आसमान में उड़ान भरने का था, लेकिन एक दुखद सड़क दुर्घटना ने उसकी जिंदगी का सफर अचानक समाप्त कर दिया। चेष्टा बारामती (महाराष्ट्र) में एक फ्लाईंग अकादमी में कमर्शियल पायलट बनने की ट्रेनिंग कर रही थी।
नौ दिसंबर को हुए इस हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद चेष्टा ने अपने परिवार को अपने अंगों को दान करने का निर्णय लेने के लिए प्रेरित किया। उसके परिवार ने इस कठिन समय में साहस दिखाया और चेष्टा के अंगों को दान करने का निर्णय लिया, जिससे उसकी यादें और उसका योगदान हमेशा के लिए जीवित रहेगा। लेकिन वर्तमान में उनके परिवार में मातम सा छाया हुआ है।
चेष्टा का यह अंतिम निर्णय न केवल उसके जीवन को अमर बनाता है, बल्कि ये उन लोगों के लिए भी एक नई उम्मीद का जरिया बन जाता है, जिन्हें अंगों की आवश्यकता है। उनके परिवार ने एक महान उदाहरण प्रस्तुत किया है कि कैसे एक व्यक्ति की दया और उदारता दूसरों के जीवन में परिवर्तन ला सकती है।
आपको बता दें कि चेष्टा पोकरण के खेतोलाई गांव की रहने वाली थी उनके पापा ज्योतिप्रकाश बिश्नोई व मां सुषमा बिश्नोई पोकरण में गैंस एजेंसी चलाते हैं।
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