img

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को अमेरिका के 'मुक्ति दिवस' का जश्न मनाया, जिसे उन्होंने अमेरिकी उद्योगों के पुनर्जनन का प्रतीक बताया। उन्होंने 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के तहत आयात शुल्क बढ़ाने और व्यापार युद्ध शुरू करने की घोषणा की, ताकि अमेरिका को आर्थिक रूप से मज़बूत और समृद्ध बनाया जाए।

ट्रंप का कहना है कि विदेशी व्यापारिक साझेदारों ने अमेरिका की खुली अर्थव्यवस्था का गलत फायदा उठाया और इसे लूटा। उन्होंने आयात शुल्क में सुधार के ज़रिए अमेरिकी उद्योगों को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाने और व्यापार घाटा कम करने का लक्ष्य रखा। मिसाल के तौर पर भारत अमेरिकी उत्पादों पर 17% औसत शुल्क लगाता है। तो वहीं अमेरिका केवल 3.3% लगाता है। कृषि में भारत का शुल्क 39% और व्यापार में 65% है, जबकि अमेरिका में ये क्रमशः 5% और 4% हैं।

दो अप्रैल 2025 को अमेरिका ने भारत से आयात पर 27% बढ़ा शुल्क लगाया। तो वहीं भारत को सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाला बताया। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को 600 बिलियन डॉलर का राजस्व मिलने की उम्मीद है, मगर आयातित उत्पाद महंगे होने से महंगाई  बढ़ेगी और उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा। कुल मिलाकर मोटा मोटा अमेरिकी शुल्क वृद्धि से भारत के निर्यात में 4.5% कमी और 3.6 बिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है।