Up Kiran, Digital Desk: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर देर रात तक काम करते हैं और हमारा डिनर भी लेट हो जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे बड़े-बुजुर्ग और साधु-संत हमेशा सूरज ढलने से पहले भोजन करने की सलाह क्यों देते हैं? पूज्य प्रेमानंद जी महाराज ने इस नियम के पीछे छिपे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारणों को बहुत ही सरल शब्दों में समझाया है, जो हमारी सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
क्यों है सूर्यास्त के बाद भोजन करना खतरनाक?
प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार, हमारे शरीर में एक 'जठराग्नि' होती है, जिसे हम पाचन की आग भी कह सकते हैं। यह अग्नि सूर्य की रोशनी के साथ सीधे जुड़ी होती है। जैसे ही सूरज उगता है, हमारी जठराग्नि तेज हो जाती है और दोपहर के समय यह सबसे शक्तिशाली होती है। यही वजह है कि दोपहर में खाया गया भोजन आसानी से पच जाता है।
लेकिन जैसे-जैसे सूरज ढलता है, हमारी पाचन की आग भी मंद पड़ने लगती है। सूर्यास्त के बाद यह लगभग शांत हो जाती है। ऐसे में जब हम रात को भारी भोजन करते हैं, तो वह ठीक से पच नहीं पाता।
रात का खाना कैसे बनता है बीमारी का घर?
महाराज जी बताते हैं कि जब रात में खाया गया भोजन पचता नहीं है, तो वह पेट में पड़ा-पड़ा सड़ने लगता है। यह सड़ा हुआ भोजन हमारे शरीर में विष (Toxins) पैदा करता है, जो धीरे-धीरे नसों में फैलकर तरह-तरह की बीमारियों को जन्म देता है।
गैस और एसिडिटी: सबसे पहली और आम समस्या गैस, अपच और एसिडिटी की होती है।
नींद में खलल: जब शरीर रात भर भोजन पचाने में लगा रहता है, तो हमें गहरी नींद नहीं आती, जिससे सुबह ताजगी महसूस नहीं होती।
गंभीर बीमारियां: लंबे समय तक रात में देर से खाने की आदत मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारियों का कारण बन सकती है।
विज्ञान भी मानता है इस बात को: आयुर्वेद और मॉडर्न साइंस, दोनों ही इस बात से सहमत हैं। हमारा शरीर एक 'बॉडी क्लॉक' (Circadian Rhythm) पर काम करता है, जो दिन और रात के चक्र से बंधी होती है। रात के समय हमारा मेटाबॉलिज्म यानी भोजन पचाने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। शरीर का पूरा सिस्टम आराम और मरम्मत के मोड में चला जाता है। ऐसे में उसे भोजन पचाने के काम पर लगाना, शरीर के साथ अन्याय करने जैसा है।
तो क्या करें: प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार, स्वस्थ जीवन का सबसे सरल नियम है- "सूर्यास्त से पहले भोजन कर लो।"
अगर आपकी मजबूरी है और आपको देर से ही खाना पड़ता है, तो कोशिश करें कि आपका भोजन बिल्कुल हल्का हो, जैसे पतली दाल, खिचड़ी या सूप। भारी, तला हुआ और मांसाहारी भोजन रात में करने से बचें। यह सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि अपने शरीर को स्वस्थ, मन को शांत और जीवन को लंबा बनाने का एक सुनहरा सूत्र है।
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