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IND vs BAN 1st Test: 19 सितंबर, 2024 को बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए भारतीय टीम की घोषणा होने पर क्रिकेट प्रशंसक काफी उत्साहित थे। ऋषभ पंत, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह की वापसी ने सुर्खियाँ बटोरीं, मगर श्रेयस अय्यर और मोहम्मद शमी जैसे प्रमुख खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी ने कई प्रशंसकों को हैरान कर दिया। ये दोनों खिलाड़ी, जो अपने आप में महत्वपूर्ण हैं, हाल के वर्षों में भारत की सफलता के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। तो, उन्हें बाहर क्यों रखा गया? आइए इन आश्चर्यजनक चूकों के पीछे के कारणों को जानें।

श्रेयस अय्यर भारत के सीमित ओवरों के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक हैं, मगर लाल गेंद वाले क्रिकेट में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा है। पहली बार में उन्हें टेस्ट टीम से बाहर किए जाने पर हैरानी हो सकती है, खासकर दुलीप ट्रॉफी में उनके हाल ही में बनाए गए अर्धशतक को देखते हुए, मगर इस साल उनके प्रदर्शन पर करीब से नज़र डालने पर पता चलता है कि चयनकर्ता क्यों हिचकिचा रहे थे।

अय्यर को लंबे प्रारूपों में 2024 में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। साल की शुरुआत में, इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ के दौरान लगी चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा। इस झटके ने न केवल उन्हें खेल से बाहर रखा, बल्कि उन्हें बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंधों से भी हटा दिया, जिससे टेस्ट टीम में उनकी वापसी की राह और भी जटिल हो गई।

अय्यर ने कोलकाता नाइट राइडर्स को आईपीएल 2024 का खिताब जीतने में मदद की, मगर उनकी लाल गेंद की फॉर्म उस सफलता को प्रतिबिंबित नहीं करती है। बुची बाबू आमंत्रण टूर्नामेंट और दलीप ट्रॉफी में उनका हालिया प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिसने शायद चयनकर्ताओं को संकेत दिया कि वह मध्य क्रम में अपनी जगह फिर से हासिल करने के लिए तैयार नहीं हैं।

इसके अलावा, भारतीय टेस्ट टीम में मध्यक्रम के स्थानों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, जिसमें सरफराज खान और लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले केएल राहुल जैसे उभरते हुए खिलाड़ी मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने निस्संदेह अय्यर को रैंकिंग में नीचे धकेल दिया है, जिससे टेस्ट टीम में उनकी वापसी और भी कठिन हो गई है।

मोहम्मद शमी क्यों नहीं दिया गया मौका

भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के अहम अंग मोहम्मद शमी चोटों से जूझ रहे हैं, जिसकी वजह से वे 2024 के काफी समय तक टीम से बाहर रहे हैं। संभावित वापसी के बावजूद शमी का नाम बांग्लादेश के खिलाफ पहले टेस्ट के लिए टीम की सूची से गायब था। हालांकि, यह फैसला इस बात को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि शमी अंतरराष्ट्रीय टीम में वापसी से पहले पूरी तरह से फिट हो जाएं।

बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने शमी की संभावित वापसी के संकेत दिए थे, मगर ऐसा लगता है कि टीम प्रबंधन और चयनकर्ता लंबे समय से खेल रहे हैं, शमी को जल्दबाज़ी में वापस लाने के बजाय उनके पूरी तरह से ठीक होने को प्राथमिकता दे रहे हैं। उम्मीद है कि वह आगामी रणजी ट्रॉफी में बंगाल का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो 11 अक्टूबर से शुरू होगी, ताकि मैच फिटनेस हासिल कर सकें और खुद को न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी तीन मैचों की श्रृंखला के लिए उपलब्ध करा सकें।

ऐसी अटकलें हैं कि शमी न्यूजीलैंड सीरीज के कम से कम पहले टेस्ट से भी बाहर हो सकते हैं, जो इस बात का संकेत है कि भारत उन्हें प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापस लाने के लिए उत्सुक है। भारत के तेज गेंदबाजी आक्रमण में शमी के महत्व को देखते हुए, खासकर प्रमुख दौरों और टूर्नामेंटों के साथ, उनकी दीर्घकालिक फिटनेस सुनिश्चित करना स्पष्ट रूप से प्राथमिकता है।
 

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