
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है। विभाग में कार्यरत लिपिक (क्लर्क) पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों के स्थानांतरण (ट्रांसफर) को लेकर सरकार ने अब नया निर्णय लिया है।
इस फैसले का उद्देश्य है – विभागीय कामकाज में पारदर्शिता और संतुलन बनाए रखना। अब तक इन कर्मचारियों के तबादले को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं थी, जिससे कभी‑कभी एक ही जगह पर सालों तक काम करने की शिकायतें मिलती थीं।
क्या है नया नियम?
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब क्लर्कों को तय समय के भीतर दूसरे जिलों या प्रखंडों में ट्रांसफर किया जाएगा। यह प्रक्रिया हर 3 से 5 साल में की जा सकती है, ताकि सभी को समान अवसर और अनुभव मिल सके।
विभाग का कहना है कि इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और कर्मचारियों को नई जगहों पर काम करने का मौका मिलेगा, जिससे कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।
किन लोगों को मिलेगा प्राथमिकता?
जो कर्मचारी 10 साल से अधिक समय से एक ही जगह पर हैं
जिनके विरुद्ध कोई शिकायत दर्ज नहीं है
महिला कर्मचारियों, विधवा या दिव्यांग कर्मचारियों को विशेष राहत
इसके अलावा, जिन कर्मचारियों की उम्र 58 वर्ष से अधिक है, उन्हें ट्रांसफर से छूट भी दी जा सकती है।
आवेदन प्रक्रिया
स्थानांतरण से जुड़ी जानकारी जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। कर्मचारी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद विभागीय स्तर पर समीक्षा कर तबादला सूची जारी की जाएगी।