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uttarakhand bhu kanoon: उत्तराखंड विधानसभा में बजट सत्र शुरू हो गया है। पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इस बीच विधानसभा के बजट सत्र से पहले आज राज्य मंत्रिमंडल की अहम बैठक हुई।
इस मीटिंग में कई अहम प्रस्ताव पारित किए गए। उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने राज्य के नए भूमि कानून को मंजूरी दे दी है। CM पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। राज्य सरकार ने इसे इसी बजट सत्र में पेश करने का निर्णय लिया है। ताकि इस कानून के औपचारिक क्रियान्वयन की प्रक्रिया आगे बढ़ सके।
CM पुष्कर सिंह धामी ने पोस्ट में लिखा कि राज्य की जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग और भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने भूमि अधिनियम को मंजूरी दे दी है। इस ऐतिहासिक निर्णय से राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा होगी। यह राज्य की मूल पहचान को संरक्षित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इसके अलावा CM पुष्कर सिंह धामी ने लिखा कि हमारी सरकार जनता के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम उनका भरोसा कभी टूटने नहीं देंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि हम अपने राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। यह कानून राज्य के मूल स्वरूप को संरक्षित रखने में निश्चित रूप से उपयोगी होगा।
नये भूमि कानून में क्या है खास
इस भूमि कानून के तहत राज्य के बाहर के व्यक्तियों द्वारा भूमि की खरीद के लिए कुछ सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसमें हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर कुछ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। इससे बाहरी निवेशकों द्वारा अनियंत्रित भूमि अधिग्रहण पर रोक लगेगी तथा स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा होगी। ताकि बाहरी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर भूमि खरीद को रोका जा सके और स्थानीय लोगों को विस्थापित न किया जा सके।
इसके तहत बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा 12.5 एकड़ को समाप्त कर दिया गया तथा इसके लिए जिला कलेक्टर स्तर पर अनुमति देने का प्रावधान किया गया। इसके साथ ही देवभूमि में तहसील स्तर पर आम जनता, बुद्धिजीवियों और अलग अलग संगठनों से नए भूमि कानून को लेकर सुझाव लिए गए। इन सुझावों के आधार पर नये कानून की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया गया है। साथ ही भूमि अधिनियम में प्रावधान करते समय इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि उद्योग जगत और नए निवेशकों में भय का माहौल न हो।