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Up Kiran, Digital Desk: एक तरफ जहाँ बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार तनाव बढ़ाने वाली हरकतें हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कदम उठा रहा है। 7 मई को पूरे देश में एक बड़ी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होने जा रही है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को इसके लिए निर्देश दिए हैं। इस मॉक ड्रिल में आम लोगों, खासकर छात्रों और सिविल डिफेंस से जुड़े लोगों को यह सिखाया जाएगा कि किसी हमले की स्थिति में खुद को कैसे बचाया जाए। यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि अगर कभी युद्ध जैसे हालात बनें तो हम सभी अपनी सुरक्षा कर सकें।

लेकिन, देश की सुरक्षा सिर्फ बाहरी खतरों से ही नहीं, बल्कि अंदरूनी कमजोरियों से भी जुड़ी है। और हमारी सबसे बड़ी ताकत है हमारी सेहत! जब तक हम स्वस्थ नहीं होंगे, देश पर बीमारियों का बोझ कम नहीं होगा, तब तक हम पूरी मजबूती से अपना दम कैसे दिखा पाएंगे? तो चलिए  मिलकर सीखते हैं सेहत और ताकत बढ़ाने वाले कुछ योग, ताकि हम हर चुनौती का सामना कर सकें।

मौसम का बदलता मिजाज और अस्थमा का खतरा

इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत कई इलाकों में मौसम बड़ा सुहाना हो गया है। झुलसा देने वाली गर्मी और हीटवेव के बाद अचानक हुई बारिश ने राहत दी है। हवा भी साफ और ठंडी है। लेकिन, मौसम में यह तेजी से होने वाला बदलाव (जिसे हेल्थ एक्सपर्ट्स 'रैपिड टेंपरेचर फ्लिप्स' कह रहे हैं) हमारी सेहत, खासकर हमारे फेफड़ों (लंग्स) के लिए एक नई चुनौती बन गया है।

भले ही अभी मौसम अच्छा है, लेकिन कुछ ही दिनों में गर्मी फिर बढ़ेगी, उमस होगी, धूल भरी आंधी चलेगी और हवा में मौजूद परागकण (पोलन) सांस के मरीजों, खासकर अस्थमा के मरीजों की तकलीफें बढ़ा सकते हैं।

अस्थमा क्यों है खतरनाक?

अचानक तापमान बदलने से एलर्जी हो सकती है, जिससे सांस की नली में सूजन आ जाती है।

नमी और पोलन से सांस की नली (रेस्पिरेटरी ट्रैक) जाम हो सकती है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मौसम में अस्थमा के मरीज 30% तक बढ़ जाते हैं।

दुनिया के 10% अस्थमा के मरीज अकेले भारत में हैं, और इनमें से 15% 5 से 11 साल के छोटे बच्चे हैं।

आज 'वर्ल्ड अस्थमा डे' के मौके पर, आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं फेफड़ों और सांस की नली को स्वस्थ रखने के कुछ आसान उपाय:

डस्ट एलर्जी के लक्षण:

तेज सिरदर्द

लगातार छींक आना

नाक में सूजन

आंखों में जलन, सर्दी-जुकाम, लगातार खांसी

अस्थमा के लक्षण:

बार-बार और देर तक खांसी आना

सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना

सीने में जकड़न या भारीपन महसूस होना

सांस फूलना

अस्थमा में आराम के लिए क्या करें?  गुनगुना पानी पिएं।भरपूर नींद लें।गिलोय का काढ़ा पिएं।तुलसी के पत्ते चबाएं।अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए:रोजाना प्राणायाम करें।दूध में हल्दी और शिलाजीत मिलाकर लें।गर्म पानी पिएं और तली-भुनी चीजों से बचें। अस्थमा में रामबाण नुस्खा: 100 ग्राम बादाम, 20 ग्राम काली मिर्च और 50 ग्राम शक्कर मिलाकर पीस लें। रोज एक चम्मच दूध के साथ लें।

हल्दी का प्रयोग: दूध में कच्ची हल्दी पकाकर या हल्दी-दूध में शिलाजीत मिलाकर पिएं।

गले और आंखों की एलर्जी के लिए:

नमक पानी से गरारे करें।

बादाम तेल से नस्य (नाक में डालना) करें।

मुलेठी चूसें।

आंखों में जलन होने पर ठंडे पानी से धोएं या गुलाब जल डालें। तो, चाहे सीमा पर चुनौती हो या मौसम का बदलता मिजाज, अपनी सेहत का ध्यान रखकर ही हम हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं। योग और सही जीवनशैली अपनाकर हम खुद को और अपने देश को मजबूत बना सकते हैं।

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