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Up Kiran, Digital Desk: जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) कश्मीर की जीवनरेखा माना जाता है। लेकिन हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश और भारी भूस्खलन ने इस 250 किलोमीटर लंबे मार्ग को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। क्या यह महत्वपूर्ण मार्ग जल्द ही पूरी तरह से बहाल हो पाएगा? चलिए इस स्थिति पर विस्तार से नजर डालते हैं।

उधमपुर जिले में भारी नुकसान

एनएचएआई रामबन परियोजना निदेशक शुभम यादव ने बताया कि 26 अगस्त की भारी बारिश ने उधमपुर जिले में विशेषकर उधमपुर और चेनानी के बीच 20 किलोमीटर सड़क को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। सबसे ज्यादा नुकसान बानी नाला से समरोली तक के 10 किलोमीटर हिस्से में हुआ है। इस इलाके में थराद पुल, बल्ली नाला और समरोली के दोनों कैरिजवे प्रमुख रूप से प्रभावित हुए हैं। इन बाधाओं की वजह से सड़क यातायात पूरी तरह बाधित हो गया था।

आंशिक संपर्क बहाली और चुनौतियाँ

एनएचएआई की टीम ने भारी मशीनरी की मदद से सिर्फ डेढ़ दिन में राजमार्ग को आंशिक रूप से बहाल किया। 30 अगस्त से जरूरी सामान ले जाने वाले भारी वाहनों को सीमित रूप से मार्ग उपयोग करने की अनुमति मिल गई। हालांकि, बाद में हुई बारिश ने मरम्मत कार्यों को धीमा कर दिया है और पूरी बहाली में अभी महीनों लगने की संभावना है।

थराड़ में खतरे की घंटी

थराड़ इलाके में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है। यहाँ एक 150 मीटर ऊँची पहाड़ी खिसक रही है, जिससे राजमार्ग की चार में से तीन लेन दब गई हैं। फिलहाल सिर्फ़ एक लेन यातायात के लिए खुली है। 20 मीटर लंबा थराड़ पुल भी ध्वस्त हो चुका है, जिसका पुनर्निर्माण कम से कम छह महीने ले सकता है। यह क्षेत्र पूरी मरम्मत प्रक्रिया के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

बल्ली नाले पर तेजी से हो रही मरम्मत

बल्ली नाले पर जहाँ सड़क धंस गई है, वहाँ एनएचएआई की टीमें पत्थर भरकर रास्ता बनाना शुरू कर चुकी हैं। अगर मौसम सहयोग करता है, तो अधिकारी उम्मीद कर रहे हैं कि डेढ़ दिन में दो लेन का यातायात पुनः शुरू हो सकेगा। यह कदम यातायात बहाली की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

जम्मू-कश्मीर रेलवे सेवा पर भी भारी असर

बारिश और बाढ़ की वजह से रेलवे सेवा भी प्रभावित हुई है। उत्तर रेलवे ने जम्मू और कटरा के बीच आने-जाने वाली 68 ट्रेनों को 30 सितंबर तक रद्द कर दिया है। जबकि 24 ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होगा। पठानकोट-जम्मू सेक्शन में रेल लाइन के टूटने और गलत संरेखण की वजह से आठ दिनों से रेल यातायात बाधित है। इससे लोगों की यात्रा प्रभावित हुई है।

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